राष्ट्र

मोदी ने समुद्री सुरक्षा का जायजा लिया

पणजी | समाचार डेस्क: शनिवार को नरेन्द्र मोदी ने आईएनएस विक्रमादित्य पर जाकर देश की समुद्री सुरक्षा का जायजा लिया. इसके लिये उन्होंने गोवा में देश के सबसे बड़े युद्धपोत आईएनएस विक्रमादित्य का निरीक्षण किया. इस दौरान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी लड़ाकू विमान मिग-29के में भी सवार हुए.

समुद्र में 30 विमानों को ढो सकने में सक्षम युद्धपोत आईएनएस विक्रमादित्य के चालक दल के सदस्यों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को ‘गार्ड ऑफ ऑनर’ दिया. उन्होंने आईएएनएस विक्रमादित्य के चालक दल के सदस्यों से बातचीत भी की. मोदी के साथ नौसेना प्रमुख एडमिरल आर.के.धोवन भी मौजूद थे.

शनिवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र नौसेना के पश्चिमी कमान बेड़े के साथ मोदी मिग 29के, सी हैरियर्स, समुद्र में गश्त करने वाले लंबी दूरी के विमान पी8 आई और टीयू 142एम, आईएल 38 एसडी, डॉर्नियर्स, कैमोव और सी किंग हेलीकॉप्टर सहित नौसेना के कई विमानों का आकाश में शक्ति प्रदर्शन देखेंगे. मोदी के इस कार्यक्रम को ‘डे एट सी’ नाम दिया गया है.

गौरतलब है कि आईएनएस विक्रमादित्‍य आईएनएस विराट के बाद देश का दूसरा एयरक्राफ्ट करियर है. नेवी में इसके शामिल होने के बाद भारत एशिया का पहला ऐसा देश बन गया है, जिसके पास इस तरह के दो युद्धपोत हैं. जहां तक चीन की बात है, उसने इसी साल अपना पहला एयरक्राफ्ट करियर लायनिंग लॉन्‍च किया है. खबरों के मुताबिक, चीन दो और युद्धपोत बना रहा है.

आईएनएस विक्रमादित्य
यह युद्धपोत एक 20 मंजिला तैरते शहर जैसा है, जहां हर महीने एक लाख अंडे और 20 हजार लीटर दूध की खपत है. रूस से खरीदा गया 44,500 टन वजनी आईएनएस विक्रमादित्य भारतीय नौसेना से जुड़ा नया विमान वाहक पोत और सैन्य शक्ति का सबसे शक्तिशाली प्रतीक है. पिछले साल नवंबर महीने में तत्कालीन रक्षा मंत्री ए.के.एंटनी की मौजूदगी में पोत का जलावतरण हुआ था.

आईएनएस विक्रमादित्य की लंबाई 284 मीटर और इसकी चौड़ाई 60 मीटर है, जिसमें तीन फुटबॉल मैदान समा सकते हैं. 20 मंजिल ऊंचे इस पोत में 22 डेक हैं.

पोत पर 1600 कर्मचारी तैनात हैं और यह एक तैरते हुए शहर जैसा दिखता है. इस विशाल युद्धपोत में रह रहे कर्मचारियों पर हर महीने कम से कम एक लाख अंडे, 20,000 लीटर दूध और 16 टन चावल की खपत होती है. इसके अलावा भी बहुत सारे खर्च हैं.

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