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मोदी ने चाहा खाद्य सुरक्षा में साथ

वाशिंगटन | समाचार डेस्क: प्रधानमंत्री मोदी ने भारत की खाद्य सुरक्षा पर डब्लूटीओ में अमरीका का साख मांगा. गौरतलब है कि विश्व-व्यापार-संगठन खाद्य सुरक्षा के मामले में सब्सिडी दिये जाने के खिलाफ है. वहीं प्रधानमंत्री मोदी ने बराक ओबामा को भरोसा दिया कि भारत व्‍यापार सुविधा समझौते के विरुद्ध नहीं है. प्रधानमंत्री ने डब्लूटीओ के बाली राउंड के बारे में भी बराक ओबामा से चर्चा की.

प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी ने न्‍यूयॉर्क स्थित विदेशी मामलों की परिषद में अपने सम्‍बोधन में यह स्‍पष्‍ट किया कि भारत व्‍यापार सुविधा समझौते के विरुद्ध नहीं है लेकिन इसमें भारत के बड़ी संख्‍या में गरीब लोगों के कल्‍याण का ध्‍यान भी रखा जाना चाहिए. इसलिए व्‍यापार सुविधा समझौता और खाद्य सुरक्षा एक साथ होने चाहिए.

वहीं, प्रधानमंत्री मोदी ने भारत-चीन सीमा विवाद में तीसरे पक्ष के हस्तक्षेप से इंकार कर दिया है. प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत और अमरीका के बीच साझेदारी लोकतंत्र और उदारता की साझा विचारधारा पर आधारित है. भारत और चीन सीमा विवाद को सुलझाने की क्षमता रखते हैं और इस सम्‍बंध में मध्‍यस्‍थता की कोई आवश्‍यकता नहीं है.

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आतंकवाद मानवता का दुश्‍मन है और इसलिए सम्‍पूर्ण विश्‍व को आतंकवाद के विरुद्ध एकजुट होना चाहिए. उन्‍होंने कहा कि भारत में आतंकवाद दूसरे देशों से संचालित है और इसकी शुरूआत देश में नहीं हुई है. जहां तक भारत का प्रश्‍न है भगवान बुद्ध और महात्‍मा गांधी भारत के प्रतीक हैं.

प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी ने एक प्रश्‍न के उत्‍तर में कहा कि बिजली एक आवश्‍यकता बन गई है और उनकी सरकार लोगों को लगातार 24 घंटे बिजली प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है. विकास और पर्यावरण एक दूसरे के विरोधी नहीं है और इस मामले में संतुलन कायम किया जा सकता है. विदेशी मामलों की परिषद में सम्‍बोधन और बातचीत के दौरान प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी ने सरकार द्वारा स्‍वच्‍छ ऊर्जा के प्रति किये जा रहे कार्यों का विवरण भी दिया.

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