राष्ट्र

मोदी ने दुहराया विकास का वादा

नई दिल्ली | संवाददाता: 2022 तक भारत के हर परिवार के पास पक्का घर होगा. बुधवार को राष्ट्रपति के अभिभाषण पर बोलते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि विकास को आंदोलन बनाने की जरूरत है. मोदी ने कहा, “महात्मा गांधी ने स्वतंत्रता संग्राम को जन आंदोलन बनाया था. अगर एक सफाई वाला फर्श साफ करता था तो वह सोचता था वह देश की आजादी के लिए सफाई कर रहा है. विकास के लिए भी यही भावना दिखनी चाहिए. विकास जन आंदोलन होना चाहिए.”

जनता के लिये घर की जरूरत को रेखांकित करते हुए नरेन्द्र मोदी ने कहा “इसे 10-12 साल का कार्यक्रम बनाना होगा. इसे जन आंदोलन बनना होगा. आजादी के 75वें साल पर हम देश के महान नायकों को याद करेंगे और सभी को मकान देंगे.” उन्होंने कहा कि चुनाव के दौरान भले हम उम्मीदवार थे लेकिन संसद में आने के बाद हम जनता की उम्मीदों के रखवाले हैं. दुनिया को अपनी शक्ति से परिचय कराना होगा.

गुजरात में मुख्यमंत्री बनने के समय के अपने अनुभव का उदाहरण देते हुए मोदी ने कहा कि उस समय राज्य भर में 24 घंटे बिजली पहुंचाने का वादा था. उन्होंने कहा, “यह माना जा रहा था कि लोगों को संदेह होगा..लेकिन मैं इस सदन को भरोसा दिलाता हूं कि जो रास्ता राष्ट्रपति ने दिखाया है उसे पूरा करने के लिए हम कोई कसर नहीं छोड़ेंगे.”

शहर की ओर हो रहे पलायन को रोकने को नरेन्द्र मोदी ने कहा कि अगर गांव के जीवन में हम बदलाव ला सकें, तो किसी को अपना गांव छोड़ने का मन नहीं करेगा. क्या गांव के अंदर हम उद्योगों का जाल खड़ा नहीं कर सकते? उन्होंने सवाल किया कि हम सदियों से कहते हैं कि हमारा देश कृषि प्रधान और गांवों का देश हैं. यह नारे तो अच्छे लगते हैं, लेकिन क्या हम अपने गांवों के जीवन को बदल पाए हैं? गरीब को गरीबी से बाहर लाना हमारी प्राथमिकता है.

इसी के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत को ‘स्कैम इंडिया’ से ‘स्किल्ड इंडिया’ बनाने का आह्वान करते हुए कहा कि उनकी सरकार युवाओं में उद्यमशीलता को विकसित करने की तरफ ध्यान देगी. मोदी ने कहा, “हमारे देश ने घोटाले वाले भारत से चर्चा पाई है. हमें इसे कौशलयुक्त भारत में बदलना है. विश्व में मानव संसाधन की तत्काल आवश्यकता है. हमारा पड़ोसी चीन बुजुर्ग हो रहा है और हम युवा हो रहे हैं. हमारी प्राथमिकता युवाओं में कौशल विकास करना होना चाहिए.”

गौरतलब है कि नरेन्द्र मोदी ने लोकसभा का चुनाव विकास के मुद्दे पर लड़ा तथा जीता है. राष्ट्रपति के अभिभाषण पर बोलते हुए उन्होंने अपने जनता से किये गये विकास के वादों को दोहराया है. जिस समय नरेन्द्र मोदी लोकसभा के चुनाव प्रचार में जनसभाओं को संबोधित कर रहें थे उस समय उनके पास विकास पर सवाल उठाने तथा गुजरात का उदाहरण देने के अलावा कुछ नहीं था. अब नरेन्द्र मोदी देश के प्रधानमंत्री हैं तथा उनके पास विकास को कर दिखाने के लिये मौका है. जिसे उन्होंने संसद में दोहराया भी है.

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