मोदी देश नही चला सकते: न्यूयार्क टाइम्स
न्यूयार्क | एजेंसी: न्यूयार्क टाइम्स के मुताबिक नरेन्द्र मोदी प्रभावशाली ढ़ंग से भारत का नेतृत्व नही कर सकते हैं. न्यूयार्क टाइम्स के संपादकीय टीम ने 26 अक्टूबर को टिप्पणी की है कि ‘भारत, एक दर्जन से अधिक भाषाओं और कई जातीय समूहों और जनजातियों तथा कई धर्मों का देश है. इस बात की आशा नही की जा सकती है कि मोदी अपनो के बीच भय तथा घृणा फैलाकर प्रभावकारी ढ़ंग से देश का नेतृत्व कर सकते हैं.’
न्यूयार्क टाइम्स के संपादकीय ने कहा है कि 2002 के गुजरात दंगों में करीब 1,000 अल्पसंख्यक मारे गये थे. इसके करीब एक दशक बाद वही नरेन्द्र मोदी प्रधानमंत्री पद के दावेदार हैं जो 2002 में गुजरात के मुख्यमंत्री थे. संपादकीय टीम ने आगे टिप्पणी किया है कि मोदी का उदय भारत के 13.8 करोड़ मुस्लिम तथा अल्पसंख्यकों को समस्या में डाल सकता है.
इस संपादकीय में आगे कहा गया है कि मोदी में विपक्ष के साथ काम करने की आदत नही है तथा वे असहमतियों को बर्दाश्त नही कर सकते हैं. उनके कारण ही भाजपा के एक 17 वर्षीय पुराने सहयोगी पार्टी ने साथ छोड़ दिया है. मोदी के गुजरात के बारे में कहा गया है कि यहां के मुस्लिम देश के अन्य राज्यों के मुस्लिमों की तुलना में गरीब हैं जबकि गुजरात में गरीबी अन्य राज्यों से कम है.
न्यूयार्क टाइम्स के संपादकीय ने कांग्रेस के राहुल गांधी को भी नेहरु-गांधी परिवार का एक गैर अनुभवी वारिस करार दिया है. कहा गया है कि इसमें कोई संदेह नहीं है कि कांग्रेस पार्टी बुनियादी सुविधाओं, शिक्षा और सार्वजनिक क्षेत्र में निवेश करने में हाल के वर्षों में नाकाम रही है. संपादकीय में कहा गया है कि कांग्रेस पार्टी आर्थिक विकास को भुनाने में नाकाम रही है तथा नये विचारो एवं नेतृत्व के साथ अपने को पुनर्जीवित करने बजाये राहुल गांधी में संभावनाए तलाश रही है.
America should take care of it’s own problems. Who should rule India must be left for Indians to decide.
न्यू योर्क टाइम्स से लिए गये संपादकीय Narendra Modi’s Rise in India पर आधारित यहाँ समाचार के शीर्षक से मुझे घोर निराशा और गंभीर आपत्ति है| छत्तीसगढ़ खबर का कहना, “मोदी देश नही चला सकते” न केवल सरा सर गलत है अपितु भारत की भोली भाली जनता में मोदी जी के लिए संदेह, अविश्वास और भय जगाने का क्रूर प्रयास है|
Newyork dosen’t know how to run country, because they running small company,,,,, like paper company
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