राष्ट्र

‘पीडीपी ने अफ़जल को शहीद कहा था’

लखनऊ | समाचार डेस्क: मायावती ने कहा है कन्हैया की ‘देशद्रोह’ के आरोप में गिरफ्तारी राजनीतिक दबाव के कारण हुई है. उन्होंने आरोप लगाया कि दिल्ली पुलिस अपने स्तर पर इतनी जल्दी शायद न करती यदि राजनीतिक दबाव न होता तो. मायावती ने कहा कि जिस पीडीपी ने अफ़जल गुरु के फांसी का विरोध किया था तथा उसे शहीद कहा था उसी पीडीपी के साथ भाजपा जम्मू-कश्मीर में सरकार बनाने के लिये जीतोड़ कोशिश कर रही है. इसे उन्होंने भाजपा का दोहरा चेहरा कहा. उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री और बहुजन समाज पार्टी की प्रमुख मायावती ने जेएनयू प्रकरण में छात्रसंघ अध्यक्ष कन्हैया कुमार की देशद्रोह के तहत गिरफ्तारी को राजनीतिक षड्यंत्र करार दिया है.

कन्हैया की गिरफ्तारी की निंदा करते हुए मायावती ने कहा कि आरएसएस के कट्टरवादी व आक्रामक एजेंडे को लागू करने की मंशा के तहत देश के प्रतिष्ठित संस्थान जेएनयू को एक झटके में ‘देशविरोधी व देशद्रोही’ साबित करने के केंद्र सरकार की कोशिश अत्यंत खेदजनक है. केंद्र अपने इस जनविरोधी रवैये से देश का घोर अहित कर रही है.

राज्यसभा सांसद मायावती कहा कि जेएनयू छात्रसंघ के वर्तमान अध्यक्ष कन्हैया कुमार की ‘देशद्रोह’ की धारा के तहत गिरफ्तारी पहली नजर में ही गलत प्रतीत होती है. ‘देशद्रोह’ जैसी संगीन धारा का इस्तेमाल दिल्ली पुलिस शायद अपने स्तर से इस मामले में इतनी जल्दी कभी भी नहीं करती, लेकिन राजनीतिक दबाव में आकर उसने देशद्रोह की धारा लगाकर जेएनयू छात्रसंघ के अध्यक्ष को गिरफ्तार किया है.

उन्होंने कहा, “केंद्र सरकार जेएनयू संस्थान को ही बर्बाद करने पर तुली हुई लगती है. जेएनयू देश की ऐसी उच्च शिक्षण संस्था है, जिसकी पूरी दुनिया में ख्याति है. उस पर जिस तरह से देश-विरोधी गतिविधियों का केंद्र होने का इल्जाम लगाकर बुरी तरह से बदनाम करने का उच्च स्तर पर सरकारी प्रयास किया गया है, यह अत्यंत दुखद व सर्वथा निंदनीय है.”

उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार का यह कदम ‘अपने पांव पर ही कुल्हाड़ी मारने’ जैसा है. उन्होंने कहा कि इस बारे में जिस तरह केंद्र सरकार का विवादित बयान लगातार आ रहा है, उससे भी इस आशंका को बल मिलता है कि राजनीतिक खेल अवश्य खेला जा रहा है और इस मामले में खासकर सरकारी मशीनरी का दुरुपयोग करके विरोधी स्वरों को दबाने का प्रयास किया जा रहा है.

बसपा मुखिया ने भाजपा को दोहरे चरित्र वाली पार्टी बताते हुए कहा कि एक तरफ तो केंद्र में भाजपा की सरकार जेएनयू के लोगों पर अफजल गुरु को शहीद बताने व उसके लिए कार्यक्रम आयोजित करने पर ‘देशद्रोही’ बताकर उन्हें गिरफ्तार कर रही है, वहीं दूसरी तरफ भाजपा जम्मू-कश्मीर में उस पीडीपी पार्टी के साथ फिर से सरकार बनाने में जी-जान से लगी है.

उन्होंने कहा कि जैसे-तैसे सत्ता पाने के लिए बेताब भाजपा यह भूल गई कि पीडीपी ने भी अफजल गुरु को फांसी दिए जाने का विरोध किया था और उसे शहीद बताया था.

मायावती ने कहा कि भाजपा क्या बताएगी कि यह उसकी कैसी विचित्र देशभक्ति व देशप्रेम है? भाजपा के इस कृत्य से उसका दोहरा चरित्र खुद सामने आ रहा है.

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