बाज़ार

जी-20 के लिए रूस रवाना होंगे मनमोहन जी

नई दिल्ली | एजेंसी: ऐसे समय में जब अमरीका द्वारा उठाये गये नीतिगत कदमों से जिससे दुनियाभर के मुद्रा बाजारो में अफरातफरी मची हुई है, भारत के प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह जी-20 की बैठक में भाग लेने के लिये बुधवार को रूस जा रहें हैं. इस सम्मेलन में इन चुनौतियों से निपटने के रास्ते तलाशे जा सकते हैं.

यह दौरा मनमोहन को ब्राजील, रूस, चीन और दक्षिण अफ्रीका के नेताओं से मिलने का मौका भी प्रदान कर सकता है, और वे डरबन प्रक्रिया को आगे बढ़ाने पर चर्चा कर सकते हैं. ये सभी देश संयुक्त रूप से ब्रिक्स समूह का निर्माण करते हैं. पांचों उभरती अर्थव्यवस्थाएं इस वर्ष मार्च में डरबन में सहमत हुई थीं कि वे गरीब देशों की मदद के लिए 100 अरब डॉलर का एक मुद्रा कोष तैयार करेंगी.

इन सभी देशों की मुद्राएं हाल के महीनों में बुरे दौर से गुजरी हैं, और भारतीय रुपया मौजूदा वित्त वर्ष में डॉलर के मुकाबले 20 प्रतिशत लुढ़क गया है, और ऐसा इस कारण हुआ क्योंकि अमेरिकी केंद्रीय बैंक ने संकेत दिया कि राजकोषीय प्रोत्साहन वापस लिए जा सकते हैं, और इसके बाद विदेशी फंड निकाल लिए गए.

जी-20 शिखर सम्मेलन से पहले यहां संवाददाताओं से बातचीत में योजना आयोग के उपाध्यक्ष मोंटेक सिंह अहलूवालिया ने कहा कि मुद्रा बाजारों में उथल-पुथल बातचीत का एक महत्वपूर्ण हिस्सा होगा. अहलूवालिया ने कहा, “शिखर सम्मेलन से यह उम्मीद नहीं है कि वह मुद्रा बाजारों पर बने दबाओं को घटाने के उपायों पर मंजूरी की मुहर लगाएगा, लेकिन हम कुछ व्यापक चर्चाओं की अपेक्षा करते हैं.” उन्होंने कहा कि व्यापार और ऊर्जा सुरक्षा भी चर्चा के केंद्रीय बिंदुओं में शामिल होंगे.

चर्चा की मेज पर मौजूद होने वाले अन्य मुद्दों में वैश्विक सुधार के उपाय, समावेशी विकास, रोजगार सृजन, उभरती अर्थव्यवस्थाओं के लिए बहुस्तरीय वित्तीय संस्थानों में कोटा, व्यापार एवं संरक्षणवाद शामिल होंगे. भारत और अमेरिका के अलावा जी-20 में अर्जेटीना, आस्ट्रेलिया, ब्राजील, कनाडा, चीन, फ्रांस, जर्मनी, इंडोनेशिया, इटली, जापान, मेक्सिको, रूस, सऊदी अरब, दक्षिण अफ्रीका, दक्षिण कोरिया, तुर्की, ब्रिटेन और यूरोपीय संघ शामिल हैं.

जी-20 का गठन पूर्वी एशियाई मंदी के बाद 1999 में वित्त मंत्रियों और केंद्रीय बैंक के गवर्नरों के स्तर पर हुआ था. 2008 में वैश्विक आर्थिक संकट के बाद इसे शिखर सम्मेलन का दर्जा दिया गया. विश्व बैंक, अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष, विश्व व्यापार संगठन और ऑर्गनाइजेशन फॉर इकॉनॉमिक को-ऑपरेशन एंड डेवलपमेंट का भी जी-20 शिखर सम्मेलन में प्रतिनिधत्व होता है.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!