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महाराष्ट्र में अंधविश्वास के खिलाफ कानून लागू होगा

मुंबई | एजेंसी: महाराष्ट्र काला जादू, टोना-टोटका और अन्य अंधविश्वासी परंपराओं को प्रतिबंधित कर एक नए युग में प्रवेश करने जा रहा है. इन प्रथाओं पर प्रतिबंध लगाने वाले कानून को राज्य में लागू किया जा रहा है. रविवार को अधिकारियों ने यह जानकारी दी.

राज्यपाल के. शंकरनारायणन ने शनिवार शाम एक आध्यादेश पर हस्ताक्षर किए, जिसके तहत काला जादू और टोना-टोटका की प्रथाओं पर रोक लग जाएगी और इन्हें करने वालों को कड़ा दंड दिया जाएगा. महाराष्ट्र देश का पहला राज्य होगा, जो इस प्रकार का कानून लागू करेगा.

इस कानून में काला जादू और ऐसे ही अन्य गतिविधियों में लिप्त रहने वालों के लिए अधिकतम सात साल की कैद की सजा का प्रावधान रखा गया है. महाराष्ट्र सरकार सोमवार को इस कानून की घोषणा कर सकती है.

इन अंधविश्वासों के खिलाफ काम कर रही संस्था महाराष्ट्र अंधश्रद्धा निर्मूलन समिति (एमएएनएस) के संस्थापक और प्रमुख नरेंद्र दाभोलकर की हत्या के ठीक पांच दिनों बाद यह कदम उठाया गया है.

यह कानून अन्य चीजों के साथ-साथ अमानवीय प्रथाओं, मानव बलि, गर्भवती महिलाओं द्वारा लिंग चयन के लिए होने वाले अनुष्ठानों और जादू-टोना के अंतर्गत आने वाली सभी चीजों भी प्रतिबंध लगाएगा.

पुणे में दाभोलकर की हत्या के ठीक एक दिन बाद पिछले बुधवार को राज्य मंत्रिमंडल ने इस अध्यादेश को मंजूरी दे दी थी. उसके बाद राज्यपाल ने उसपर हस्ताक्षर किया था. गौरलतब है कि दाबोलकर की हत्या को लेकर पूरे राज्य में विरोध प्रदर्शन हुआ था.

यह अध्यादेश, ‘महाराष्ट्र प्रीवेंशन एंड इरैडिकेशन ऑफ ह्यूमन सेक्रीफाइस एंड अदर इनह्यूमन, एविल एंड अघोरी प्रैक्टिसेस एंड ब्लैक मैजिक बिल’-2011 का स्थान लेगा, जिसे ‘एंटी-ब्लैक मैजिक बिल’ के नाम से भी जाना जाता है. यह विधेयक विधानसभा में लंबित है.

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