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कांग्रेस व भाजपा के उम्मीदवारों पर संकट

भोपाल | एजेंसी: मध्य प्रदेश के विधानसभा चुनाव में नामांकन भरने की प्रक्रिया में कई नाटकीय घटनाक्रम जुड़े हुए हैं. एक तरफ जहां सिंगरौली जिले के देवसर विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार मुसीबत में पड़ गए हैं, वहीं रतलाम के आलोट से अजीत बोरासी कांग्रेस के अधिकृत उम्मीदवार बन गए हैं.

राज्य के 230 विधानसभा क्षेत्रों में चुनाव के लिए शनिवार को नामांकन पत्र के जांच की प्रक्रिया पूरी हो गई . जांच में 608 नामांकन पत्रों मे गड़बड़ी पाए जाने पर उन्हें खारिज कर दिया गया है. अब कुल 4,424 उम्मीदवार ही चुनाव मैदान में हैं. नामांकन वापसी की अंतिम तारीख 11 नवंबर है.

नामांकन पत्र भरे जाने के दौरान कई नाटकीय घटनाक्रम हुए, जिसके चलते देवसर के कांग्रेस व भाजपा के उम्मीदवारों के नामांकनों पर कोई फैसला नहीं हो पाया है. दोनों ही दलों के उम्मीदवारों की उम्मीदवारी का फैसला निर्वाचन अधिकारी सोमवार को करेंगे. देवसर विधान सभा से कांग्रेस के वंशमणि प्रसाद वर्मा के नामांकन पत्र ‘ए’ व ‘बी’ पर आपत्ति होने पर तथा एक अन्य उम्मीदवार हरिलाल प्रजापति का शासकीय सेवा से त्याग पत्र स्वीकृत न होने और भाजपा के उम्मीदवार राजेन्द्र मेश्राम का त्यागपत्र सक्षम अधिकारी द्वारा स्वीकृत न होने के कारण उनकी उम्मीदवारी का फैसला नहीं हो पाया.

मजेदार बात यह है कि कांग्रेस ने पहले प्रजापति को अपना अधिकृत उम्मीदवार बनाया, मगर नामांकन नामंजूर होने की आशंका के चलते आनन-फानन में एक हेलिकॉप्टर के जरिए भोपाल से बगावत कर रहे कांग्रेसी नेता वंशमणि के नाम पर नामांकन पत्र ‘ए’ और ‘बी’ भेजा. इस तरह कांग्रेस की ओर से दो उम्मीदवारों ने नामांकन पत्र ‘ए’ व ‘बी’ जमा कराए हैं.

एक अन्य रोचक मामला रतलाम जिले के आलोट विधानसभा क्षेत्र में सामने आया है. जहां कांग्रेस के अधिकृत उम्मीदवार कमल परमार का पर्चा निरस्त होने पर डमी उम्मीदवार अजीत बोरासी अधिकृत प्रत्याशी हो गए हैं.

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