राष्ट्र

लेफ्ट पर अटल रहा JNU

नई दिल्ली | समाचार डेस्क: #JNUSU चुनाव में चारों सीटें लेफ्ट छात्र संघ के नाम रही. शनिवार को आये जवाहरलाल नेहरू विश्व विद्यालय छात्र संघ चुनाव में अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, महासचिव व संयुक्त सचिव पर वाम गठबंधन के उम्मीदवारों ने जीत हासिल की है. अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद को जेएनयू में एक भी सीट नहीं मिल सकी है. पिछले बार महासचिव पद पर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद को जीत मिली थी.

जेएनयू में इस बार सभी वामपंथी छात्र संगठनों ने मिलकर चुनाव लड़ा था. अध्यक्ष पद पर मोहित पाण्डे, उपाध्यक्ष पद पर अमल पुल्लरकट, महासचिव पद पर सतरूपा चक्रवर्ती तथा संयुक्त सचिव पद पर तबरेज़ हसन विजयी रहे.

जेएनयू में इस बार सीपीएम का छात्र संगठन एसएफआई, सीपीएमएल का छात्र संगठन आईसा ने मिलकर चुनाव लड़ा था. सीपीआई के छात्र संगठन एआईएसएफ ने इनका समर्थन किया था.

लेकिन इस बार के चुनाव में ख़ास बात रही बापसा नाम के एक नये गठबंधन का शानदार प्रदर्शन.

बिरसा आबंडेकर फूले स्टूडेन्ट्स एसोसिएशन (बापसा) के अध्यक्ष पद के उम्मीदवार राहुल सोमपिम्पले ने मोहित पाण्डे का आख़िरी-आख़िरी तक पीछा किया और सिर्फ़ 409 वोटों से हारे.

बापसा के दूसरे उम्मीदवारों ने भी अच्छा प्रदर्शन किया. बापसा ख़ासकर दलितों, आंबेडकरवादियों और मुस्लिम मतदाताओं का एक गठबंधन है. बापसा केवल दो साल पहले बनी है, इस लिहाज़ से उनका प्रदर्शन काफ़ी शानदार कहा जा सकता है.

इसके बाद सोशल मीडिया पर #jnusu ट्रेंड करने लगा. सोशल मीडिया के कुछ कमेंट इस प्रकार से हैं-

राजीव कुमार- जेएनयू शटडाउन करने चले थे खुद ही शटडाउन हो गये.

प्रेमा बक्शी- जी न्यूज पर बताया जा रहा है जेएनयू में एबीवीपी की बरबादी.

एसएफआई तेलंगाना- एआईएसएफ-एसएफआई गठबंधन ने जेएनयू चुनाव में इतिहास रच दिया.

ट्राइबल स्टुडेंट फेडरेशन- जेएनयू में आज स्वच्छता अभियान शुरु.

उधर, दिल्ली विश्व विद्यालय के चुनाव में कांग्रेस के छात्र संगठन एनएसयूआई ने संयुक्त सचिव पद पर सेंधमारी कर ली है. दिल्ली विश्व विद्यालय में एबीवीपी ने अध्यक्ष, उपाध्यक्ष तथा महासचिव के पद पर अपनी जीत को बरकरार रखा है. जबकि वाम छात्र संगठन तीसरे स्थान पर रहा.

भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने एबीवीपी को बधाई देते हुए जीत को राष्ट्रवाद की विजय बताया. उन्होंने ट्वीट किया, “एबीवीपी को बधाई. डूसू का फैसला राष्ट्रवाद की विजय है. युवाओं ने रचनात्मक राजनीति के प्रति फिर से अपना भरोसा जाहिर किया है”.

1974 में डूसू अध्यक्ष चुने गये केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली ने भी ट्वीट किया, “डूसू चुनाव में डीयू के छात्रों और अध्यक्ष, उपाध्यक्ष और सचिव पद जीतने के लिए एबीवीपी को बधाई”.

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