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आइंस्टीन से आगे 14 साल का जैकब

इंडियाना | संवाददाता: जैकब बार्नेट नाम है उस 14 साल के बच्चे का जिसका आईक्यू आइंस्टीन से तेज है. संभव है, जिसे जल्दी ही भौतिक विज्ञान में योगदान के लिये नोबल पुरस्कार दिया जाये. लेकिन रुकिये. इससे पहले यह जानना भी जरुरी है कि जैकब किसी समय ऑटिज्म से पीड़ित था और लिखना-पढ़ना तो दूर वह बोल तक नहीं पाता था.

आज जैकब क्वांटम फ़िजिक्स में मास्टर की डिग्री हासिल कर रहा है और वैज्ञानिकों का कहना है कि उसका आईक्यू अल्बर्ट आइंस्टीन के आईक्यू से बेहतर है. जैकब की मां क्रिस्टीन बार्नेट ने अपनी और जैकब के अनुभवों पर द स्पार्क: ए मदर स्टोरी ऑफ़ नर्चरिंग जीनियस नामक किताब भी लिखी है, जिसमें विस्तार से इनके जीवन का वर्णन है.

बीबीसी के अनुसार जैकब की मां क्रिस्टीन बार्नेट को जब यह पता चला कि उनका बेटा आटिज्म से पीड़ित हैं तो यह उनके लिये किसी सदमे जैसा था. क्रिस्टीन के अनुसार जैकब बड़ा प्यारा बच्चा था. मैं और मेरे पति दोनों इसके साथ खूब मस्ती के पल बिताते थे. लेकिन दो साल की उम्र के दौरान डॉक्टरों ने बताया कि ये अब कुछ ख़ास नहीं कर पाएगा. पढ़ना लिखना तो दूर यह ठीक से बोल भी नहीं पाएगा. हम लोग पूरी तरह टूट चुके थे.

जैकब को फिर खास किस्म के स्कूल में दाखिला दिलवाया गया लेकिन वहां उसमें सुधार नहीं हुआ. इसके बाद उसकी मां ने उसे घर में ही पढ़ाना लिखाना शुरु किया. क्रिस्टीन ने अपने बेटे को पढ़ाने के लिए मचनेस के नाम से एक तरकीब निकाली, और जैकब को हर उस काम को करने पर जोर दिया जिससे जैकब का उत्साह और मनोबल बढ़ता था. इसके बाद तो जैसे चमत्कार हो गया.

आठ साल की उम्र का जैकब कॉलेज जा पहुंचा और आज वह दुनिया में भौतिक विज्ञान का सफलतम खोजकर्ताओं में से एक है. वे फिलहाल इंडियाना विश्वविद्यालय में पढ़ाते हैं. जैकब का कहना है कि वह भौतिक विज्ञान में अनुसंधान करना चाहता है. वह अपने जीवन में कुछ नयी खोज करना चाहता है. बकौल जैकब भौतिक मुझे काफी पसंद है, लिहाजा जब भी वक्त मिलता है तो मैं उसके सवाल हल करता हूं, प्रयोगशाला में प्रयोग करता हूं. हालांकि मेरे पास ढेरों वीडियो गेम्स भी हैं और ख़ास दोस्त भी हैं जिनके साथ मैं खेलता हूं.

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