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मुंबई आतंकी हमला isi की मदद से?

इस्लामाबाद | समाचार डेस्क: क्या पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ने 2008 के मुंबई हमलों में मदद की है? एक पाकिस्तानी अखबार के संपादकीय ने ऐसा सवाल उठाया है. साथ ही कहा है कि भारत में घटने वाली आतंकी घटना के लिये आईएसआई तथा पाकिस्तान में होने वाले आतंकी वारदातो के लिये रॉ को दोषी ठहराया जाता है. एक पाकिस्तानी अखबार ने कहा कि इस बात की पूरी संभावना है कि 2008 में मुंबई पर आतंकी हमले में पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई के कुछ अधिकारियों ने मदद की हो. लेकिन, अखबार का मानना है कि पाकिस्तानी मूल के अमरीकी आतंकी डेविड कोलमैन हेडली के बयानों से उतने रहस्योद्घाटन नहीं हुए जितने की उम्मीद भारत सरकार ने लगाई रही होगी. पाकिस्तानी अखबार नेशन के ‘रिवीलेशन’ शीर्षक से शुक्रवार को छपे संपादकीय में कहा गया है कि 2008 में हुए मुंबई हमले के मामले में हेडली ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए भारतीय अदालत में दी गई गवाही में भारत सरकार के अनुमानों की ही पुष्टि की है. लश्कर-ए-तैयबा के आतंकवादी हेडली के अनुसार, आईएसआई ने पूरे हमले में न केवल मदद की थी, बल्कि पाकिस्तान से लश्कर के प्रत्येक आतंकवादी पर नजर भी रख रही थी. “The video testimony of David Cameron Headley in an Indian Court corroborated the Indian version of speculation surrounding the 2008 Mumbai attacks because according to the Lashkar-e-Taiba (LeT) facilitator/terrorist, the ISI orchestrated the whole attack, handling each LeT member from this side of the border.”

अखबार ने कहा कि कई कारणों से हेडली के बयानों को अभी तुरंत सत्य नहीं माना जा सकता है.

अखबार का कहना है, ” प्राथमिक रूप से हेडली की मंशा ही चर्चा का विषय है. अगर उसकी बातों को ही मान लिया जाए तो वह ऐसा व्यक्ति है जो आईएसआई के इशारे पर पहले भारत और उसके लोगों के खिलाफ साजिश रचता है और अब जब भारत सरकार ने उसे हमले के गवाह बनने के एवज में माफी देने का वादा किया है तो वह अमरीकी जेल से बयान दे रहा है. ”

पाकिस्तानी दैनिक ने कहा, “हेडली का मामला एक तरह से हाल के वर्षो में भारत-पाक संबंधों को ही रेखांकित करता है. भारत अपने यहां हो रही घटनाओं के लिए जहां पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई को दोषी ठहरता रहा है, वहीं पाकिस्तान अपने यहां की घटनाओं के लिए भारतीय खुफिया एजेंसी रॉ पर उंगलियां उठाता रहा है.”

अखबार ने कहा, “अमरीका हेडली के बयानों को लेकर पहले से सतर्क रहा होगा. वह जानता है कि हेडली बयान देगा और भारत में हंगामा होगा. वैसे भी अगर अमरीकी स्वभाव पर गौर करें तो वह एक ओर जहां पाकिस्तान को आतंकवाद को पनपाने के लिए दोषी ठहराता है, वहीं साथ ही साथ उसी दिन अलग से बयान देकर देश में आतंक के खात्मे के लिए उसके प्रयासों की सराहना भी करता है. ”

अखबार का मानना है कि अपने ताजा साक्षात्कार में हेडली ने उतने रहस्य नहीं खोले जितनी भारत सरकार को उम्मीद थी. दैनिक ने आगे कहा, ” इशरत जहां को लश्कर-ए-तैयबा सदस्य बताने के अलावा उसने वही सब दोहराया जो उसने सन 2012 में भारतीय राष्ट्रीय जांच एजेंसी के समक्ष कहा था. ”

लेकिन, फिर भी पाकिस्तानी दैनिक नेशन ने कहा, “मुंबई हमले में हाफिज सईद की बड़ी भूमिका हो सकती है. लश्कर-ए-तैयबा रणनीतिक मामलों में हमारी दिगभ्रमित नीति का फल है. इसलिए यह माना जा सकता है कि 2008 में हुए मुंबई हमले में भी पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई के कुछ अधिकारियों का भी हाथ हो सकता है. लेकिन, हमले के पीछे पाकिस्तान सरकार और उसके संस्थानों का हाथ होने की जो बात भारत करता है, उसे सही नहीं माना जा सकता.”

26 नवंबर 2008 को मुंबई में कई जगहों पर आतंकी हमले हुए थे. इसमें विदेशी नागरिकों समेत 166 लोगों की जानें गईं थी और 300 लोग घायल हुए थे.

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