खेल

फिक्सरों श्रीसंत-चव्हाण पर आजीवन प्रतिबंध

नई दिल्ली | एजेंसी: भद्र जनों का खेल कहे जाने वाले क्रिकेट को कलंकित कर स्पॉट फिक्सिंग करने के आरोपी खिलाड़ियों शांताकुमारन श्रीसंत, अंकित चव्हाण पर भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसाआई) ने कड़ी कार्रवाई करते हुए उन्हें ताउम्र क्रिकेट खेलने से प्रतिबंधित कर दिया है.

भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) की अनुशासनात्मक समिति ने इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) से जुड़े स्पॉट फिक्सिंग मामले में दोषी पाए जाने के बाद शुक्रवार को भारत के लिए खेल चुके केरल के खिलाड़ी शांताकुमारन श्रीसंत और महाराष्ट्र के उदीयमान खिलाड़ी अंकित चव्हाण पर आजीवन प्रतिबंध लगाने का फैसला किया है.

समिति ने इस मामले में शामिल अमित सिंह पर पांच साल का प्रतिबंध लगाया जबकि राजस्थान रॉयल्स के ही तेज गेंदबाज सिद्धार्थ त्रिवेदी को सच को छुपाने के लिए एक साल के लिए प्रतिबंधित कर दिया गया है. युवा स्पिन गेंदबाज हरमीत सिंह को चेतावनी देकर छोड़ दिया गया जबकि इस मामले में जेल में बंद राजस्थान रॉयल्स टीम के ही अजीत चंदीला को लेकर सुनवाई बाद में की जाएगी.

त्रिवेदी और हरमीत सिंह को सटोरियों द्वारा सम्पर्क किए जाने के बाद इस मामले की जानकारी बोर्ड को नहीं देने का दोषी पाया है. इन दोनों के खिलाफ भी एक से पांच साल के प्रतिबंध की बात कही गई थी.

बीसीसीआई के उपाध्यक्ष निरंजन ने कहा, “स्पॉट फिक्सिंग मामले में संलग्नता को लेकर श्रीसंत और चव्हाण पर आजीवन प्रतिबंध लगाया गया है. अमित पर पांच साल और त्रिवेदी पर एक साल का प्रतिबंध लगा है. हरमीत को चेतावनी देकर छोड़ दिया गया. हरमीत से आशा की जा रही थी कि सटोरियों द्वारा सम्पर्क किए जाने के बाद वह बोर्ड को सच बताते.”

उल्लेखनीय है कि ये सभी खिलाड़ी बीसीसीआई की भ्रष्टाचार निरोधी इकाई के प्रमुख रवि सावानी के नेतृत्व वाली जांच समिति द्वारा स्पॉट फिक्सिंग का दोषी पाए गए थे. सावानी ने अपनी रिपोर्ट में इन चार खिलाड़ियों को ‘मैच फिक्सिंग’ और ‘स्पॉट फिक्सिंग’ का दोषी बताते हुए इन पर पांच साल से लेकर आजीवन प्रतिबंध लगाने की बात कही थी.

सावानी ने अपनी अंतरिम रिपोर्ट जून की शुरुआत में दिल्ली पुलिस द्वारा जुटाए गए सबूतों के आधार पर तैयार की थी. अपनी अंतिम रिपोर्ट में सावानी ने कहा कि खिलाड़ियों को इस बात की जानकारी थी कि वे कितना गम्भीर अपराध कर रहे हैं और इसी कारण उन्होंने इनके खिलाफ सख्ती से पेश आने की बात कही थी.

इस सबंध में बीसीसीआई प्रमुख एन. श्रीनिवासन की अध्यक्षता में अनुशासनात्मक समिति की बैठक हुई. शाह और बीसीसीआई की एक अन्य उपाध्यक्ष अरुण जेटली इस समिति के सदस्य हैं.

जेटली ने कहा, “प्रत्येक दोषी के खिलाफ अलग तरह के सबूत पेश किए गए. अनुशासनात्मक समिति का फैसला अंतिम है. इसे बोर्ड की कार्यकारिणी की बैठक या फिर अन्य किसी संस्था द्वारा बदला नहीं जा सकता.

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