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ऐसे हुई आईपीएल फिक्सिंग

नई दिल्ली | संवाददाता: आईपीएल क्रिकेट में स्पॉट फिक्सिंग के एक-एक सबूत वीडियो में कैद हैं. इधर इस मामले के आरोपी राजस्थान रॉयल्स के मौजूदा सदस्य शांताकुमारन श्रीसंत, अजित चन्दीला और अंकित चव्हाण को पुलिस ने पांच दिन के रिमांड पर लिया है. पुलिस ने इन तीनों खिलाड़ियों के अलावा मुंबई और दिल्ली से 11 बुकी भी गिरफ्तार किया था, जिनमें दिल्ली पुलिस आयुक्त के अनुसार ‘सबसे बड़ा बुकी’ कहलाने वाला टिंकू भी शामिल है. अन्य आरोपियों में चंद्रेश चांदभाई पटेल, मंडल भूपेंद्र कुमार भट्ट, अमित रामगोविन्द सिंह, एसएस नैयर तथा बीजू उपेंद्र जनार्दन शामिल हैं.

पुलिस ने इन तीनों खिलाड़ियों के साथ दूसरे आरोपियों को साकेत कोर्ट मे पेश किया, जहां से कोर्ट ने सभी आरोपियों को पांच दिन की पुलिस रिमांड पर भेज दिया है. इस बीच, भारतीय क्रिकेट नियंत्रण बोर्ड यानी बीसीसीआई ने तीनों खिलाड़ियों को सस्पेंड कर दिया है.

इधर दिल्ली पुलिस कमिश्नर नीरज कुमार ने स्पॉट फिक्सिंग के सबूत के तौर पर मैच का वीडियो भी आज प्रेस कॉन्फ्रेंस में दिखाया. इससे पता चलता है कि तय किए गए तरीके से गेंदबाज मैदान से बुकी को इशारा करते थे, जिसके तहत श्रीसंत ने तौलिये से इशारा किया. उन्होंने बताया कि एक ओवर के लिए 60 लाख रुपये लगाए गए थे, और चन्दीला को 20 लाख रुपये दिए जाने थे. इसके साथ ही कमिश्नर ने यह भी साफ किया है कि इस मामले में अभी और गिरफ्तारियां की जा सकती हैं. दिल्ली पुलिस ने खिलाड़ियों पर मकोका लगाने का फैसला किया है.

नीरज कुमार ने कहा कि पुलिस की विशेष शाखा के पास खिलाड़ियों और सट्टेबाजों के बीच फोन वार्तालाप की सैकड़ों घंटे की रिकार्डिंग है. नीरज कुमार के अनुसार राजस्थान रॉयल्स के तीन मुकाबलों पांच, नौ और 15 मई को क्रमश: पुणे वॉरियर्स, किंग्स इलेवन पंजाब और मुंबई इंडियंस के खिलाफ हुए मैचों के सबूत दिये जिसमें स्पॉट फिक्सिंग की गयी थी.

उन्होंने कहा कि पहला मामला जिस पर हमें शक हुआ, वह पांच मई को राजस्थान बनाम पुणे वॉरियर्स मैच के दौरान का था. इस मैच में जैसे कि सहमति बनी थी, चंदीला ने अपने स्पैल के दूसरे ओवर में 14 रन दिये, लेकिन वह पूर्व निर्धारित संकेत देना भूल गया, जिसके कारण सट्टेबाज इस मैच में सट्टा नहीं लगा सके.

उन्होंने कहा कि इसके कारण बहस हो गयी और पैसा वापस करने की मांग की गयी. उसे अग्रिम राशि के रूप में 20 लाख रुपये दिये गये थे और फिर बाद में 20 लाख रुपये दिये जाने थे, लेकिन उसे पैसा वापस करना पड़ा. डीसीपी संजीव यादव ने मैच से पहले चंदीला और अमित कुमार नाम के एक सट्टेबाज के बीच हुई बातचीत का ब्यौरा दिया. चंदीला को ओवर के शुरू होने से पहले संकेत के रूप में अपनी शर्ट को ऊपर करना था.

पुलिस ने जिस अगले मैच की बात की, वह नौ मई को मोहाली में हुआ था. कुमार ने कहा कि इस मैच में श्रीसंत को दूसरा ओवर फेंकने से पहले अपनी पैंट में तौलिया रखना था और सट्टेबाजों को भारी सट्टा लगाने के लिये काफी समय देना था. डीसीपी ने बताया कि इस मैच में श्रीसंत का करीबी दोस्त जिजू जनार्दन सट्टेबाज चंद्रेश पटेल के साथ संपर्क में था. कुमार ने कहा कि जैसा कि फैसला हुआ था श्रीसंत ने पहला ओवर बिना तौलिये के फेंका, लेकिन दूसरे ओवर में उसने अपनी पैंट में तौलिया रखा और सट्टेबाजों को समय दिया, उसने कुछ वार्मअप और स्ट्रेचिंग अभ्यास किया.

उन्होंने कहा कि उसने अपने इस फिक्स ओवर में 14 के बजाय 13 रन दिये. कुमार ने कहा कि इस तरह का मामूली फेरबदल इतना महत्व नहीं रखता. पुलिस ने मैच की क्लिपिंग भी दिखायी जिसमें श्रीसंत ने तौलिये के साथ यह फिक्स ओवर फेंका था. पुलिस ने फिर मुंबई इंडियंस के खिलाफ बीती रात हुए मैच की बात की.

नीरज कुमार ने कहा कि अजीत चंदीला इसमें नहीं खेल रहा था, लेकिन वह 60 लाख रुपये लेने और सट्टेबाजों के निर्देशों के अनुसार काम करने के लिये सट्टेबाजों और अंकित चव्हाण के बीच मध्यस्थ का काम कर रहा था. इसके लिये उसे (चव्हाण को) 13 या इससे ज्यादा रन देने थे.

नीरज कुमार ने कहा कि उसने पहले ओवर में दो रन दिये और दूसरे ओवर की पहली तीन गेंद में ही उसने 14 रन दे दिये, जिसके बाद उसने अपनी गेंदबाजी को नियंत्रित किया और बची हुई तीन गेंदों में केवल एक ही रन दिया. उन्होंने कहा कि चंदीला ने चव्हाण को इसके लिये प्रेरित किया, उन्होंने सट्टेबाजों के साथ बातचीत की. चव्हाण ने कहा कि मैं संकेत देने के लिये कलाई का अपना बैंड घुमाऊंगा.

कुमार ने कहा कि हमारी टीम इन सभी मैचों में मौजूद थी. इसका एक कारण यह था कि ये संकेत कमर्शियल ब्रेक के दौरान भी दिये जा सकते थे. इसलिये इस पर नजर रखने के लिये हमारी टीम स्टेडियम में मैच देख रही थी. इसके बाद इन आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया.

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