राष्ट्र

‘ऊँ’ का जाप अनिवार्य नहीं

नई दिल्ली | एजेंसी: 21 जून अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर ‘ओम’ तथा वैदिक मंत्रो का जाप अनिवार्य नहीं है. संयुक्त राष्ट्र संघ ने 21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाने की घोषणा की है. उल्लेखनीय है कि साल 2014 में प्रधानमंत्री मोदी ने संयुक्त राष्ट्र में अपने भाषण में अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाने की अपील की थी. पहला बार 21 जून 2015 को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाया गया. इधर भारत में योग दिवस पर योग से पहले ‘ओम’ का जाप करने को लेकर जारी विवाद के बीच आयुष मंत्रालय के संयुक्त सचिव अनिल कुमार गनेरीवाला ने कहा, “योग सत्र से पहले ‘ओम’ का जाप करने की बाध्यता नहीं है. यह बिल्कुल ऐच्छिक है, कोई चुप भी रह सकता है. कोई इस पर आपत्ति नहीं करेगा.”

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गनेरीवाला का यह बयान केंद्र सरकार के परिपत्र के बाद आया है जिसमें अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर योग सत्र से 45 मिनट पहले ‘ओम’ और कुछ वैदिक मंत्रों के जाप का प्रस्ताव है.

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इस मामले में मीडिया रिपोर्टों को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस को विवादास्पद बनाने का प्रयास बताते हुए उन्होंने कहा कि यद्यपि ‘ओम’ का उच्चारण योग का अभिन्न हिस्सा है, लेकिन इसे अनिवार्य बनाने का कोई नियम नहीं है.

गनेरीवाला ने कहा कि बदलावों के तौर पर आयुष मंत्रालय ने कार्यक्रम में एक नया आसन जोड़ा है और प्रणायाम की अवधि दस मिनटों के लिए बढ़ा दी है.

इस मुद्दे पर जनता दल युनाइटेड के वरिष्ठ नेता के. सी. त्यागी ने कहा, “ओम का जाप सिख, इस्लाम और बौद्ध धर्म में एक हस्तक्षेप है. इसे अनिवार्य नहीं बनाया जाना चाहिए.”

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अभिनेता अनुपम खेर ने कहा, “‘ओम’ शब्द योग के साथ जुड़ा हुआ है. यह अच्छा होगा अगर हम इसे विवाद में तब्दील न करें.”

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आयुष मंत्रालय का योग दिवस का 45 मिनट का प्रोटोकॉल
– इसमें शुरुआत में ही 2 मिनट ऊँ का उच्चारण किया जाएगा. इसके बाद ओम शांति, शांति, शांति के साथ इसे खत्म किया जाएगा.
– इसके बाद पहले 6 मिनट में वार्मअप प्रोग्राम में गर्दन, कंधे, शरीर के ऊपरी हिस्से और घुटने को हिलाना होगा.
– इसके बाद 18 मिनट योगासन. इसमें पहले खड़े होकर ताड़ासन, वृक्षासन, पद-हस्तासन, अर्धचक्रासन और त्रिकोणासन किया जाना है.
– फिर बैठकर किए जाने वाले आसनों में भद्रासन, वज्रासन, उष्ट्रासन, शशांकासन, उत्थान मंडुकासन करना होगा.
– आखिर में सिर झुका कर करने वाले आसन मकरासन, भुजंगासन, शलभासन, धनुर्रासन किया जाएगा.
– 2 मिनट कपालभाति किया जाएगा, जिसमें हर बार में 20 से 40 स्ट्रोक करना होगा.
– 6 मिनट प्राणायाम- नाड़ीशोधन, अनुलोम-विलोम, शीराली, भ्रामरी. इन सभी प्राणायामों के पांच-पांच राउंड करने हैं.
– 9 मिनट का मेडिटेशन. इसके बाद प्रोगाम की क्लोजिंग के दौरान 2 मिनट के संकल्प के साथ ऊँ के उच्चारण के साथ शांति पाठ किया जाएगा.

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