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अमेरिका में भारतीय छात्र फंसे

वाशिंगटन | एजेंसी : अमेरिका में एक और फर्जी विश्वविद्यालय बंद हो गया है, जिसके बाद सैकड़ों छात्रों का भविष्य अधर में लटक गया है. इनमें से अधिकांश छात्र आंध्र प्रदेश के हैं, जो अपनी शिक्षा पूरी करने के लिए विकल्प तलाश रहे हैं.

वर्जीनिया के स्टेट काउंसिल फॉर हाईयर एजुकेशन ने 16 जुलाई को यूनिवर्सिटी ऑफ नॉदर्न वर्जीनिया का लाइसेंस रद्द करते हुए इसे बंद करने के आदेश दिए. इसका संचालन पिछले 15 साल से वाशिंगटन के
उपनगर अन्नानदाले की एक इमारत के भूतल पर हो रहा था.

समाचारपत्र ‘वाशिंगटन पोस्ट’ के मुताबिक, विश्वविद्यालय को पिछले पांच साल से मान्यता नहीं थी. स्टेट काउंसिल फॉर हाईयर एजुकेशन ने इसे ‘योग्य फैकल्टी’ सदस्यों की नियुक्ति नहीं करने का दोषी पाया था. इस मामले में विश्वविद्यालय चार बार काउंसिल के मानदंडों पर खरा नहीं उतरा.

काउंसिल ने कहा कि विश्वविद्यालय से छात्रों के अकादमिक एवं वित्तीय रिकॉर्ड की जानकारी मिलने के बाद वह छात्रों को लाइसेंस रद्द करने के असर तथा मौजूदा पंजीबद्ध छात्रों को शिक्षा पूरी करने के विकल्पों के
बारे में बताएगा.

इस बीच, अमेरिका के गृह रक्षा मंत्रालय ने यहां एफआई वीजा पर आने वाले छात्रों को आव्रजन, ऑप्शनल प्रैक्टिकल ट्रेनिंग (ओपीटी) तथा एसईवीपी/एसईवीआइएस (स्टुडेंट एंड एक्सचेंज विजिटर प्रोग्राम एंड
इंफॉरमेशन सिस्टम) के बारे में भी जानकारी प्राप्त करने के लिए कहा है.

संघीय अधिकारियों ने वर्ष 2011 में विश्वविद्यालय में छापेमारी के दौरान पाया था कि इसने अधिकतर विदेशी छात्रों को अपने यहां दाखिला दे रखा है, जिन्हें वीजा हासिल करने में उसने आव्रजन प्रक्रिया की
खामियों का फायदा उठाकर मदद दी थी.

बहुत से भारतीय छात्रों को इस विश्वविद्यालय में ट्राई-वैली यूनिवर्सिटी से स्थानांतरित किया गया था, जो कैलिफोर्निया में एक अन्य फर्जी विश्वविद्यालय था. इसे वीजा मामलों में धोखाधड़ी के कारण आव्रजन
प्रशासन ने बंद कर दिया था.

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