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भारत ने बढ़ाई चीनी सीमा पर सैन्य क्षमता

नई दिल्ली: भारत-चीन सीमा पर चीनी सेना की बढ़ती मौजूदगी को देखते हुए भारत ने भी सरहद पर अपनी सैन्य क्षमता बढ़ाने का फैसला किया है. प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की अध्यक्षता वाली सुरक्षा पर बनी कैबिनेट कमेटी ने नई माउंटेन स्ट्राइक कोर बनाने के प्रस्ताव को हरी झंडी दे दी है जिसमें चालीस हज़ार सैनिकों की भर्ती की जाएगी.

इस कोर का मुख्यालय पश्चिम बंगाल के पानागढ़ में होगा और बिहार एवं असम में उसके दो डिवीजन होंगे जबकि जम्मू कश्मीर के लद्दाख से लेकर अरुणाचल प्रदेश तक इसकी अन्य इकाइयां होंगी. सरकार इस योजना पर सात सालों के अंदर 64000 करोड़ रुपए की रकम खर्च करेगी. साल 2009 के बाद ये दूसरा मौका है जब भारत ने अपनी सैन्य क्षमता में इतना बड़ा इजाफा किया है.

नई कोर पहाड़ी क्षेत्रों में युद्ध करने में पारंगत होगी और जरूरत पड़ने में दुश्मन के इलाकों में घुसकर आक्रमक हमला कर पाएगी और उसके हमले का मुँहतोड़ जवाब भी दे सकेगी. यह पहाड़ी इलाकों पर आक्रमक सैन्य क्षमता बढ़ाने के लिए भारत की पहली कोर होगी.

उल्लेखनीय है कि भारतीय सेना ने इसका प्रस्ताव साल 2010 में सरकार के पास भेजा था लेकिन उस समय इसे यह कहकर लौटा दिया गया कि चीन सीमा पर अपनी क्षमता को मजबूत करने के लिए तीनों सेनाएं साथ मिलकर योजना तैयार करें.

लेकिन हाल के दिनों में चीनी की सीमा पार बढ़ी सैन्य क्षमता और उसकी लगातार की जा रही घुसपैठ को देखते हुए सरकार को यह कदम उठाने पर मजबूर होना पड़ा है.

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