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झाबुआ: अवैध भंडारण के कारण विस्फोट

झाबुआ | समाचार डेस्क: कांग्रेस की मध्य प्रदेश इकाई के अध्यक्ष अरुण यादव ने झाबुआ के पेटलावाद में हुए हादसे की वजह विस्फोटक के अवैध भंडार को बताया है, साथ ही विस्फोट की सीबीआई से जांच कराने की मांग की है. पेटलावाद पहुंचे यादव ने शनिवार को कहा, “अगर विस्फोटक नहीं होता तो इतना बड़ा हादसा नहीं होता और इतनी मौतें नहीं होती.”

अवैध विस्फोटक सामग्री और छड़ियों का संग्रहणकर्ता राजेन्द्र कसावा भारतीय जनता पार्टी की व्यापारी प्रकोष्ठ का अध्यक्ष है. क्षेत्रीय नागरिकों ने विस्फोटक के अवैध संग्रहण की जिला प्रशासन को जन सुनवाइयों के दौरान कई शिकायतें की, मगर कोई कार्रवाई नहीं की गई.

यादव की मांग है कि कसावा के साथ लापरवाह प्रशासनिक अधिकारियों के विरुद्घ भी आपराधिक प्रकरण दर्ज किया जाए. उन्होंने कहा कि पूरे प्रदेश में भाजपा से जुड़े हुए लोग अनेक स्थानों पर अवैध उत्खनन कर रहे हैं और उत्खनन में प्रयुक्त किए जाने वाले विस्फोटकों का भी अवैध संग्रहण कर रहे हैं, यह घटना और इतनी अधिक मौतें कांग्रेस के इस आरोप को पुष्ट कर रही हैं.

यादव ने कहा कि इस बात की भी जांच होनी चाहिए कि कसावा को रहवासी इलाके में बड़ी मात्रा में विस्फोटक सामग्री के संग्रहण का लाइसेंस किसने जारी किया.

पेटलावाद के लोगों के लिए शनिवार की सुबह काल बनकर आई और उसने कुछ ही सेकेंडों में कई परिवारों की हंसती खेलती जिंदगी में मातम ला दिया. न्यू बस स्टैंड के इलाके में शनिवार की सुबह भी सब कुछ आम दिनों की ही तरह था, कोई सेठिया दुकान पर चाय नाश्ता कर रहा था तो कोई अपनी मंजिल तक पहुंचने के लिए वाहन के इंतजार में था. इनमें मजदूरों से लेकर स्कूली बच्चे तक थे, वहीं घरों के भीतर मौजूद लोग अपने काम में जुटे थे.

कुल मिलाकर पेटलावाद में सबकुछ आम दिनों की तरह था, मगर जब घड़ी की सुई लगभग साढ़े आठ पर पहुंची, तभी एक नहीं दो धमाके हुए और सारा इलाका चीत्कार में बदल गया. हर तरफ सिर्फ मानव शरीर के अवशेष और सड़क पर पड़े घायल व कबाड़ में बदल चुके वाहन ही नजर आ रहे थे. दूसरी तरफ मलबे में बदल चुके मकानों में कई परिवार दब गए. हादसे की खबर आते ही सरकार यह बताने पर तुल जाती है कि गैस सिलेंडर फटने से यह हादसा हुआ है.

दिन चढ़ने के साथ मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान यह मान लेते हैं कि हादसे को लेकर दो बातें आ रही हैं, मगर क्या सामने आ रहा है यह बताने से इंकार कर दिया और जांच का एलान किया.

हर तरफ सवाल उठने लगे कि गैस सिलेंडर के विस्फोट से इस तरह का हादसा नहीं हो सकता तो पुलिस के अफसर झाबुआ के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक सीमा अलवा भी मानती हैं कि इस विस्फोट में जिलेटिन हो सकता है. जिलाधिकारी अरुणा गुप्ता ने तो डेटोनेटर मिलने की बात भी स्वीकार की है.

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