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हैदराबाद में cVDPV पोलियो वायरस मिला

हैदराबाद | विशेष संवाददाता: हैदराबाद के सीवरेज सिस्टम में विशेष तरह का पोलियो वायरस मिला है. इसे cVDPV या वैक्सीन डिराइव्ड पोलियो वायरस कहते हैं. दरअसल, जब बच्चों को मुंह से पोलियो की खुराक दी जाती है तो उसमें कमजोर तथा थोड़ा सा पोलियो वायरस होता है. जिससे पोलियो होने की कतई भी संभावना नहीं होती है. यह कमजोर पोलियो वायरस कुछ समय तक बच्चे के पेट में रहता है तथा बच्चे के शरीर में पोलियो वायरस के खिलाफ़ प्रतिरोध की क्षमता विकसित हो जाती है. इससे बच्चे को पोलियो से सुरक्षित रखा जा सकता है.

बच्चों के पेट में रहते हुये यह पोलियो का कमजोर वायरस मल-मूत्र के रूप में उत्सर्जित भी होता है. जहां पर सीवरेज सिस्टम में पर्याप्त स्वच्छता नहीं होती है वहां पर यह सीवरेज सिस्टम में मिल जाता है. हैदराबाद में यही हुआ है तथा वहां के सीवरेज सिस्टम में इसी पोलियो का कमजोर वायरस मिला है. जिसे वैक्सीन डिराइव्ड पोलियो वायरस कहते हैं.

WHO: What is vaccine-derived polio?

दुनिया के 21 देशों में वैक्सीन डिराइव्ड पोलियो वायरस के मामलें सामने आये हैं. इनसे बच्ने के लिये पूरे इलाके के बच्चों को पोलियो की खुराक दी जाती है. उल्लेखनीय है कि हैदराबाद में वैक्सीन डिराइव्ड पोलियो वायरस पाये जाने के बाद तेलंगाना सरकार ने जिनेवा से पोलियो के तीन लाख खुराक मंगाये हैं.

तेलंगाना सरकार ने निर्णय लिया है कि हैदराबाद तथा रंगारेड्डी जिलों के छः साल तक की उम्र के तीन लाख बच्चों को पोलियो की विशेष खुराक दी जायेगी. इऩ दोनों जिलों में 20 से 26 जून तक विशेष अभियान चलाकर बच्चों को पोलियो की खुराक दी जायेगी.

गौरतलब है कि यह वायरस तब पाया गया जब 2011 में देश से पोलियो के संपूर्ण उन्मूलन के बाद कई जगहों पर निगरानी व्यवस्था के तहत जांच की जा रही थी.

स्वास्थ्य चेतावनी- सीवरेज में वैक्सीन डिराइव्ड पोलियो वायरस मिलने का हरगिज भी यह अर्थ नहीं है कि पोलियो वैक्सीन से पोलियो फैल रहा है.

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