राष्ट्र

गुजरात CM आनंदीबेन का इस्तीफा

नई दिल्ली | समाचार डेस्क: गुजरात की मुख्यमंत्री आनंदीबेन पटेल ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है. उन्होंने यह इस्तीफा पार्टी के गुजरात अध्यक्ष को भेजा है. आनंदीबेन पटेल ने अपनी उम्र का तकाजा देते हुये इस्तीफा दिया है. परन्तु इस बात की चर्चा है कि गुजरात में पाटीदार आंदोलन को सही तरीके से संभाल न पाने के कारण उन्हें अपना पद छोड़ना पड़ा है.

आनंदीबेन पटेल खुद भी उसी समुदाय से है पर भाजपा को हाल के निकाय चुनाव में गांवों में कांग्रेस ने टक्कर का सामना करना पड़ा. ऐसा माना जा रहा है कि पाटीदार समुदाय भाजपा को वोट बैंक रहा है परन्तु इसी के दरक जाने से आनंदीबेन को पद छोड़ना पड़ रहा है. अगले साल गुजरात में चुनाव होने हैं तथा पार्टी कोई खतरा नहीं मोल लेना चाहती है.

हालांकि, अपने इस्तीफे के बाद आनंदीबेन ने कहा, “पार्टी में 75 वर्ष की आयु के बाद वरिष्ठ कार्यकर्ताओं, नेताओं ने स्वैच्छिक निवृत्ति स्वीकार करके अभूतपूर्व परंपरा आरंभ की है. मेरे भी नवंबर में 75 साल पूरे होने हैं. लेकिन 2017 के अंत में गुजरात में चुनाव होने है. इसके अलावा हर दो साल पर होने वाली वायब्रेंट गुजरात सम्मिट भी जनवरी 2017 में है. नवनियुक्त मुख्यमंत्री को पूरा समय मिले इसलिए मैंने दो महीने पहले पार्टी के वरिष्ठ नेतृत्व से अपने आपको मुक्त करने की विनती की थी.”

ऐसे में भाजपा के लिए 75+ का फार्मूला ‘वरदान’ बना. यह फार्मूला आनंदी बेन को मुख्यमंत्री पद से हटाने के लिए भाजपा का ‘आधार’ बना. आनंदी बेन ने कहा कि उन्‍होंने करीब दो माह पहले भी इस्‍तीफे की पेशकश की थी. मुख्‍यमंत्री पद के लिए आनंदी बेन का उत्‍तराधिकारी कौन होगा, यह अगले कुछ दिनों में तय हो जाएगा लेकिन दावेदारी की दौड़ में फिलहाल नितिन पटेल का नाम सबसे ऊपर है.

इससे पहले आनंदीबेन पटेल ने अपने फेसबुक पोस्ट में प्रधानमंत्री मोदी की तारीफ की है. दिल्ली के राजनीतिक गलियारे में इस बात के भी कयास लगाये जा रहे हैं कि आनंदीबेन पटेल को 15 अगस्त के बाद किसी राज्य का राज्यपाल नियुक्त किया जा सकता है.

उधर, भारतीय जनता पार्टी अध्यक्ष अमित शाह ने आनंदीबेन के इस्तीफ़े पर कहा, “आनंदीबेन ने इस्तीफ़े की पेशकश की है. मैं पार्टी के संसदीय बोर्ड के सामने उनका ख़त रखूंगा. तब ही इस पर आख़िरी फ़ैसला लिया जायेगा.”

error: Content is protected !!