कृषिछत्तीसगढ़

बेमौसम बारिश से बर्बाद धान की फसल

रायपुर | एजेंसी: छत्तीसगढ़ में विगत पखवाड़े भर से हो रही बेमौसम बारिश और मौसम में नमी तथा धूप नहीं निकलने के कारण धान की फसल को भारी नुकसान पहुंचा है.

इस वर्ष बारिश की अच्छी शुरुआत के चलते धान की बंपर आवक की उम्मीद संजोए बैठे किसानों की मेहनत पर पानी फिर गया है. पहले बुआई कर चुके धान की फसल जो अब पककर तैयार है की कटाई दशहरे के बाद की जाती थी, लेकिन बारिश के कारण खेतों में पानी भर गया है. इन जिलों में पैदावार अनुमान के मुताबिक अब संभव नहीं दिख रहा है.

बताया जाता है कि पानी भरने से धान के पौधे खेतों में ही झुक गए हैं. पानी भरे होने के कारण धान सड़ने की संभावना बढ़ गई है, वहीं पके धान की कटाई करने में भी किसानों को काफी मशक्कत करनी पड़ेगी.

इधर, राजधानी रायपुर से लगे भाटापारा क्षेत्र में करीब 70 हजार एकड़ में धान की खेती की गई है. इसमें अब अधिक बारिश होने की वजह से खेतों में अब धान में तेजी से बीमारी फैल रही है. सबसे ज्यादा अभी शीत ब्लास्ट नामक बीमारी का प्रकोप महामाया धान एवं अन्य धानों में हो रहा है. इसलिए अब खेतों को खुला रखना ज्यादा आवश्यक हो गया है.

इस संबंध में कृषि विशेषज्ञ अजय शर्मा ने बताया कि खेतों में शीत ब्लास्ट के अलावा हरा एवं भूरा माहूर का प्रकोप भी काफी बढ़ गया है, इसलिए दवा का छिड़काव करते समय इस बात का ध्यान रखा जाना चाहिए कि दवा का छिड़काव दोपहर दो बजे से लेकर शाम पांच बजे तक करें और धान के खेत को पूरी तरह से पानी को निकाल दें.

शर्मा ने कहा कि सुबह के समय दवा का छिड़काव नहीं किया जाना चाहिए, इसका कारण यह है कि धान के पौधे में जो फूल आते हैं, वे दवा डालते समय गिर जाते हैं. बहरहाल, अगर मौसम इसी तरह रहा तो फसल पूरी तरह से चौपट भी हो सकती है.

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