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‘digital india’ के लिये नेट निरपेक्षता

नई दिल्ली | समाचार डेस्क: इंटरनेट निरपेक्षता के समर्थन में व्याक गोलबंदी शुरु हो गई है. अब नॉसकाम ने भी इंटरनेट निरपेक्षता को देश के विकास के लिये जरूरी कहा है. नॉसकाम ने इसे ऐसा मंच कहा है जिससे सभी को समान अवसर मिलता है. इंटरनेट निरपेक्षता और नई कंपनियों के लिए समान अवसर का समर्थन करते हुए सूचना प्रौद्योगिकी उद्योग संघ नैसकॉम ने बुधवार को इंटरनेट प्लेटफार्म, एप्लीकेशनों और दूरसंचार सेवा प्रदाता कंपनियों के लिए सहक्रियाशील मॉडल बनाए जाने की जरूरत पर बल दिया. नैसकॉम के अध्यक्ष और पूर्व केंद्रीय दूरसंचार सचिव आर. चंद्रशेखर ने ओवर द टॉप सेवाओं पर भारतीय दूरसंचार विनियामक प्राधिकरण, ट्राई द्वारा जारी परामर्श पत्र के जवाब में भेजे गए विचार को संवाददाताओं से साझा करते हुए कहा, “इंटरनेट निरपेक्षता नवाचार और समावेशीकरण के लिए खुला और समान अवसर मुहैया कराने वाला मंच उपलब्ध कराता है.”

उन्होंने कहा कि इंटरनेट, मोबाइल टेलीफोनी, सोशल मीडिया, बिग डाटा, एनालिटिक्स, क्लाउड और इंटरनेट ऑफ थिंग्स ने आर्थिक विकास के लिए एक बिल्कुल सही धारा का निर्माण किया है. उन्होंने साथ ही कहा कि स्टार्टअप और नवाचार का माहौल तथा सरकार की डिजिटल भारत पहल से सामाजिक आर्थिक स्थिति में व्यापक बदलाव होगा, जिसमें शिक्षा, स्वास्थ्य सेवा और वित्तीय समावेशीकरण शामिल है.

चंद्रशेखर ने कहा, “डिजिटल क्रांति के ये महत्वपूर्ण घटक एक-दूसरे के विरोधी नहीं हैं और इनके बीच सही तालमेल स्थापित किया जा सकता है. हमने इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए इंटरनेट निरपेक्षता पर दूरगामी दृष्टि अपनाने पर जोर दिया है.”

ट्राई ने ओटीटी सेवाओं के विनियमन पर हितधारकों से मंतव्य हासिल करने के लिए परामर्श पत्र जारी किया है. इसके तहत विभिन्न घटक पहले दौर का मंतव्य 24 अप्रैल तक और दूसरे दौर के तर्क आठ मई तक पेश कर सकते हैं.

इंटरनेट निरपेक्षता की अवधारणा के तहत इंटरनेट सेवा प्रदाता कंपनियां और सरकार सभी तरह के वैध डाटा के साथ समान व्यवहार करती हैं और ग्राहकों के हित के लिए उपयोगकर्ताओं, सामग्री, प्लेटफार्म, साइट, एप्लीकेशन या संचार के रूपों के साथ शुल्क लगाने में भेदभाव नहीं बरतती ह

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