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नियमित पीठ में होगी डीयू मामले की सुनवाई

नई दिल्ली | एजेंसी: मंगलवार को सर्वोच्य न्यायालय द्वारा दिल्ली उच्च न्यायालय भेजने के बाद बुधवार को उच्च न्यायालय ने कहा कि जीयू मामले की सुनवाई नियमित पीठ में होगी. गौरतलब है कि विश्वविद्यालय अनुदान आयोग, यूजीसी की अधिसूचना को चुनौती देने वाली याचिका दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रोफेसर आदित्य नारायण मिश्रा ने दायर की है. इसके अलावा तीन वर्षीय स्नातक कार्यक्रम को बहाल करने के आयोग के फैसले को लागू करने के लिए जनहित याचिका वकील आरके कपूर ने लगाई है.

दिल्ली उच्च न्यायालय की अवकाश पीठ ने बुधवार को दिल्ली विश्वविद्यालय में एक बार फिर तीन साल का स्नातक पाठ्यक्रम लागू करने और चार साल के स्नातक पाठ्यक्रम को समाप्त करने को लेकर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई करने से इंकार कर दिया. दिल्ली उच्च न्यायालय की अवकाश पीठ ने याचिकाकर्ता के वकील आर.के.कपूर से कहा कि मामले पर प्रभावी सुनवाई की आवश्यकता है और यह केवल नियमित पीठ ही कर सकती है.

याचिका में दिल्ली विश्वविद्यालय में एक बार फिर से तीन साल के स्नातक पाठ्यक्रम को लागू करने और चार साल के स्नातक पाठ्यक्रम को समाप्त करने के लिए आदेश जारी करने का अनुरोध किया गया है, जैसा कि विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ने निर्देश दिया है. दिल्ली विश्वविद्यालय ने पिछले साल चार साल के स्नातक पाठ्यक्रम की शुरुआत की थी.

दिल्ली उच्च न्यायालय की पीठ ने स्पष्ट कर दिया है कि इससे प्रवेश प्रभावित नहीं होगा. गौरतलब है कि वकील कपूर की ओर से दायर जनहित याचिका में इस विवाद का हल निकालने की मांग करते हुए कहा गया है कि विश्वविद्यालय के अधिकतर कॉलेज प्रवेश लेने में देरी कर रहे हैं.

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