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भाजपा-कांग्रेस का आपराधिक प्रेम

भोपाल | एजेंसी: देश से लेकर राज्य स्तर तक भले ही राजनीतिक दल साफ छवि के लोगों को उम्मीदवार बनाने की बात करते हों, मगर मध्य प्रदेश के विधानसभा चुनाव में दोनों प्रमुख दल भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस ने आपराधिक छवि के लोगों को उम्मीदवार बनाने में पिछले चुनाव से कहीं ज्यादा दिलचस्पी दिखाई है. मध्य प्रदेश इलेक्शन वॉच और एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफार्म्स ने उम्मीदवारों के शपथ पत्रों के आधार पर तैयार किया गया ब्योरा सोमवार को भोपाल में जारी किया. इसके मुताबिक राज्य में भाजपा, कांग्रेस और बहुजन समाज पार्टी ने वर्ष 2008 के मुकाबले कहीं ज्यादा उम्मीदवार वर्ष 2013 के विधानसभा चुनाव में मैदान में उतारे हैं.

दोनों संगठनों के पदाधिकारियों ने संवाददाता सम्मेलन में बताया कि प्रदेश के इस विधानसभा चुनाव में 2583 उम्मीदवारों में से तीन प्रमुख दलों कांग्रेस, भाजपा और बसपा के 686 उम्मीदवार हैं. इनमें से 683 उम्मीदवारों का विश्लेषण किया गया.

इन सभी दलों के जिन तीन प्रत्याशियों के शपथ पत्रों का विश्लेषण नहीं किया जा सका वे हैं- भाजपा के कैलाश विजयवर्गीय के शपथ पत्र के साथ ब्योरा उपलब्ध नहीं थे, कांग्रेस के उदय प्रकाश मिश्रा के शपथ पत्र में पन्ने गायब थे जबकि बसपा के विजय सिंह चौहान के द्वारा दिए गए शपथ पत्र में लिंक उपलब्ध नहीं थी.

संगठन के ब्योरे के मुताबिक तीनों प्रमुख दलों के 683 उम्मीदवारों में से 206 उम्मीदवार, 30 प्रतिशत ऐसे हैं जिन पर आपराधिक मुकदमे चल रहे हैं. इन 206 उम्मीदवारों में से 120, 58 प्रतिशत उम्मीदवारों पर गंभीर आपराधिक मुकदमे दर्ज हैं. इन आपराधिक मुकदमों में हत्या, हत्या का प्रयास, अपहरण और महिलाओं के विरूद्ध अपराध शामिल हैं.

ब्योरे के अनुसार राजनीतिक दलों पर नजर दौड़ाएं तो पता चलता है कि सबसे ज्यादा कांग्रेस पार्टी के 228 में से 91, 40 फीसदी उम्मीदवारों पर आपराधिक मुकदमे दर्ज हैं, वहीं भाजपा के 229 में से 61, 27 फीसदी और बसपा के 226 में से 54, 24 फीसदी उम्मीदवारों पर आपराधिक मुकदमे दर्ज हैं.

तीनों ही प्रमुख दलों ने पिछली बार 2008 में हुए विधानसभा चुनावों से कहीं ज्यादा इस बार आपराधिक छवि के लोगों को उम्मीदवार बनाया है. कांग्रेस पार्टी ने जहां 2008 में 31 प्रतिशत आपराधिक छवि के उम्मीदवार उतारे थे, वह प्रतिशत बढ़कर 2013 में 40 प्रतिशत हो गया, भाजपा ने 2008 में 22 प्रतिशत उम्मीदवारों को टिकट दिया था, वह अब बढ़कर 27 प्रतिशत हो गया है. इसी प्रकार बहुजन समाज पार्टी के भी आपराधिक छवि के उम्मीदवारों का प्रतिशत 20 प्रतिशत से बढ़कर 24 प्रतिशत हो गया है.

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