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कॉस्मेटिक उद्योग का विस्तार

नई दिल्ली | एजेंसी: अन्य उद्योगों के साथ ही भारत का कॉस्मेटिक उद्योग भी परवान चढ़ रहा है. देश के सौंदर्य और कॉस्मेटिक उद्योग का आकार वर्तमान 95 करोड़ डॉलर से बढ़कर 2020 तक लगभग तीन गुना यानी 2.68 अरब डॉलर हो सकता है. इस क्षेत्र का आगामी वर्षो में सालाना 15-20 फीसदी की दर से विस्तार हो सकता है और यह दर अमरीका तथा यूरोपीय बाजार की तुलना में लगभग दोगुनी है.

न्यू एज सैलून एंड स्पा पत्रिका की संपादक और ‘इंटरनेशनल ब्यूटी मार्ट’-2014 की ज्ञान साझेदार मासूमा का मानना है कि भारत में नई अंतराष्ट्रीय जीवनशैली के प्रति जागरूकता के कारण अधिकाधिक अंतर्राष्ट्रीय कंपनियां भारत में अपना कारोबार शुरू करना चाहती हैं.

उन्होंने एक बयान में कहा, “भारत का कॉस्मेटिक उद्योग रिपोर्टों के मुताबिक सालाना 15-20 फीसदी की दर से विस्तार कर रहा है, यह दर अमरीका और यूरोपीय बाजार के मुकाबले दोगुनी है.”

पिछले पांच साल में कॉस्मेटिक उत्पादों के बाजार में 60 फीसदी विस्तार हुआ है. इस अवधि में सैलूनों की संख्या भी बढ़ी है. इसकी संख्या में 35 फीसदी की दर से वृद्धि हो रही है.

आईबीएम-2014 के अध्यक्ष मनोज मेहता ने कहा, “गांवों और छोटे शहरों में तेजी से बढ़ रही खपत के कारण यह तेज खपत उभोक्ता वस्तु बाजार का आकार 2008-09 के 14.7 अरब डॉलर से बढ़कर 2014 में 30 अरब डॉलर का हो जाएगा.”

आईबीएम-2014 यहां अशोका होटल में 14-16 जनवरी को आयोजित होगा. इसमें इस क्षेत्र के ब्रांड, कंपनियां और विशेषज्ञ हिस्सा लेंगे.

नेशनल हेयरड्रेसर्स एंड ब्यूटीशियंस एसोसिएशन, ऑल इंडिया हेयर एंड ब्यूटी एसोसिएशन, इंडियन फ्रेंचाइजी एसोसिएशन और इंडियन स्पा एंड वेलनेस एसोसिएशन के सहयोग से आयोजित होने वाले आईबीएम-2014 में केश, मेक-अप, त्वचार और नाखून पर कक्षाएं भी आयोजित होंगी.

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