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कटघरे में कांग्रेस ‘हाई कमांड’

नई दिल्ली | समाचार डेस्क: नेशनल हेराल्ड केस में आज कांग्रेस हाई कमांड की दिल्ली की अदालत में पेशी है. खबरों के अनुसार कांग्रेस के करीब 100 सांसद तथा 4 मुख्यमंत्री दिल्ली में उपस्थित रहेंगे. भाजपा के स्वामी के कारण कांग्रेस हाई कमांड को दिल्ली के पटियाला हाउस कोर्ट में पेश होना है. अदालत के फैसले के बाद ही कांग्रेस कोई कदम उठायेगी. पहले खबर आई थी कि राहुल गांधी बेल की बजाये जेल जाना पसंद करेंगे. प्रधानमंत्री मोदी के प्रतिद्वंदी बनने की होड़ में इससे राहुल गांधी को इससे फायदा होगा या नुकसान यह आने वाले समय के गर्भ में है.

बहरहाल, कांग्रेस ने स्थिति से निपटने के लिये पूरी कानूनी तथा सांगठनिक तैयारी कर रखी है. परन्तु मामला कानूनी है तथा आरोप भ्रष्ट्राचार का है. इससे यह कहना मुश्किल है कि इससे कांग्रेस को नफ़ा होगा या नुकसान? इतना तय है कि भाजपा के स्वामी अपने कोशिश में सफल रहें हैं तथा सीधे कांग्रेस हाई कमांड को भ्रष्ट्राचार के आरोप में अदालत में पेश होना पड़ रहा है.

उधर, कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और पार्टी उपाध्यक्ष राहुल गांधी की शनिवार की पेशी के मद्देनजर पटियाला हाउस न्यायालय की सुरक्षा शुक्रवार को बढ़ा दी गई. अधिकारियों ने कहा कि विशेष सुरक्षा गार्ड और दिल्ली पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों ने न्यायालय परिसर का दौरा किया और पूरे परिसर की सुरक्षा बंदोबस्त का निरीक्षण किया.

परिसर के अंदर और बाहर की गतिविधियों पर नजर रखने के लिए न्यायालय परिसर में 16 कैमरे लगाए गए हैं.

न्यायालय के एक अधिकारी ने कहा कि एसपीजी अधिकारियों ने पटियाला हाउस न्यायालय के जिला न्यायाधीश और दिल्ली पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ अपराह्न् एक बैठक की.

एसपीजी ने महानगर दंडाधिकारी लवलीन की अदालत का भी निरीक्षण किया, जहां शनिवार को मामले की सुनवाई होनी है.

सूत्रों के अनुसार, सुरक्षा चुस्त करने के लिए अर्धसैनिक बलों को तैनात किया जाएगा. सुरक्षा अभ्यास के हिस्से के रूप में न्यायालय के बाहर आवाजाही प्रतिबंधित रहेगी.

न्यायालय ने नेशनल हेराल्ड मामले में भारतीय जनता पार्टी के नेता सुब्रह्मण्यम स्वामी की शिकायत पर शनिवार को सोनिया और राहुल को अदालत में पेश होने के आदेश दिए हैं.

स्वामी ने अपनी शिकायत में यंग इंडिया लिमिटेड द्वारा एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड के अधिग्रहण में धोखाधड़ी की बात कही है. यंग इंडिया लिमिटेड में सोनिया और राहुल की 38-38 प्रतिशत हिस्सेदारी है.

पिछले वर्ष 26 जून को निचली अदालत ने कांग्रेस नेताओं को इस मामले में समन जारी किया था.

दिल्ली उच्च न्यायालय ने सोमवार को सोनिया, राहुल की वह याचिका खारिज कर दी थी, जिसमें मांग की गई थी कि निचली अदालत द्वारा उन्हें जारी समन रद्द कर दिया जाए.

निचली अदालत ने बाद में मामले की सुनवाई के लिए 19 दिसंबर की तिथि तय की.

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