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कोल घोटाले में सरकार ने बदली सीबीआई रिपोर्ट

नई दिल्ली | संवाददाता: कोल ब्लॉक आवंटन में एक बार फिर प्रधानमंत्री कार्यालय का नाम सामने आया है. कहा जा रहा है कि कोल ब्लॉक आवंटन घोटाले में सीबीआई पर दबाव बना कर उसके स्टेटस रिपोर्ट को बदलवाया गया है. सीबीआई ने यह रिपोर्ट पिछले महीने सुप्रीम कोर्ट में दायर की गई है.

जस्टिस आर. एम लोढा, जे. चेमलेश्वर और मदान बी. लोकोर की बेंच ने सीबीआई के निदेशक रंजित सिन्हा को इस मसले पर शपथ पत्र दाखिल करने को कहा है कि क्या सुप्रीम कोर्ट में सीबीआई द्वारा दायर की गई स्टेटस रिपोर्ट पर किसी तरह का राजनीतिक दबाव था. सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई से शपथ पत्र के माध्यम से पूछा है कि क्या सरकार ने स्टेटस रिपोर्ट की जांच की है?

एक अंग्रेजी अखबार ने दावा किया है कि कोल ब्लॉक आवंटन घोटाले की स्टेटस रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट को सौंपे जाने से एक दिन पहले कानून मंत्री अश्विनी कुमार ने सीबीआई के निदेशक रंजित सिन्हा समेत दूसरे अधिकारियों को बुलाया था और उनके साथ लंबी बैठक की थी. इस बैठक में सीबीआई को कहा गया कि वह कोल ब्लॉक आवंटन घोटाले की स्टेटस रिपोर्ट को बदल दे. शास्त्री भवन में इस बैठक के दौरान मौजूद एक सीबीआई अधिकारी ने कहा कि इस बदलाव को लेकर मेरी तरफ से जितनी आपत्ति जताई जा सकती थी, जताई गई. इसके बाद भी इस बैठक के बाद स्टेटस रिपोर्ट में कुछ बदलाव कर दिए गए.

अखबार का कहना है कि इसी तरह का काम प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से भी किया गया. प्रधानमंत्री कार्यालय के अधिकारियों ने भी कोल ब्लॉक आवंटन घोटाले को लेकर सीबीआई अधिकारियों के साथ बैठक की और उन पर भी दबाव बनाया गया. इसके बाद 8 मार्च को सुप्रीम कोर्ट में सीबीआई ने कोल ब्लॉक आवंटन घोटाले की रिपोर्ट दायर की.

यह मामला सामने आने के बाद भाजपा नेता अरुण जेटली ने कोल ब्लॉक आवंटन घोटाले की जांच एसआईटी से कराने की मांग करते हुये कहा है कि प्रधानमंत्री कार्यालय अगर इस तरह से काम कर रहा है तो उसके बाद किसी निष्पक्ष जांच की उम्मीद नहीं की जानी चाहिये.

जेटली ने कहा कि यह सरकार खुद को बचाने के लिए सीबीआई को स्वतंत्र रूप से काम नहीं करने देगी. यह बेहद ही संगीन मामला है. केंद्र सरकार कोल स्कैम के दाग को छुपाने के लिए सीबीआई पर दवाब डालकर रिपोर्ट बदलवा रही है. इससे शर्मनाक और क्या हो सकता है. जेटली ने कहा कि देश में कई बिजली घर बंद हैं क्योंकि उनके पास कोयला नहीं है. दूसरी तरफ कोयला खदान उन्हें दिया जा रहा है जो कांग्रेस के चहेते हैं. सुप्रीम कोर्ट के सामने आधी-अधूरी रिपोर्ट सौंपी जा रही है.

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