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कोल आवंटन कोल इंडिया को हो: भाजपा

नई दिल्ली | एजेंसी: कोयला मंत्री पीयूष गोयल ने कोल ब्लाक पर सर्वोच्च न्यायालय के फैसले को अर्थव्यवस्था के लिए सकारात्मक बताया है. उन्होंने आगे कहा कि अर्थव्यवस्था अब इस मुद्दे को पीछे छोड़कर आगे बढ़ सकती है. अदालत ने सोमवार को 1993 के बाद से हुए कोयला ब्लॉक आवंटन को अवैध करार दिया.

गोयल ने यहां संवाददाताओं से कहा, “यह तथ्य कि लंबे समय से विवाद में रहा यह मुद्दा एक निष्कर्ष पर पहुंच गया है, अर्थव्यवस्था के लिए सकारात्मक है.” उन्होंने कहा, “अर्थव्यवस्था अब तेजी से आगे बढ़ सकती है.”

वहीं, कोयला ब्लॉक आवंटन पर अदालत के फैसले पर प्रसन्नता जताते हुए भारतीय जनता पार्टी सांसद हंसराज गंगाराम अहीर ने कहा कि कोयला ब्लॉक कोल इंडिया लिमिटेड को आवंटित होने चाहिए. अहीर द्वारा लगातार पूछताछ किए जाने से यह घोटाला प्रकाश में आया था.

अहीर ने कहा, “यह ऐतिहासिक फैसला है. मैं सर्वोच्च न्यायालय के फैसले से अत्यंत प्रसन्न हूं, जिसमें कोयला ब्लॉक आवंटन को अवैध ठहराया गया है. आवंटन को रद्द किया जाना चाहिए.”

उन्होंने कहा, “यदि इन ब्लॉकों के आवंटन को रद्द कर उन्हें सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी कोल इंडिया को आवंटित किया जाता तो मुझे अधिक प्रसन्नता होती.” अहीर के मुताबिक आगे कोई भी व्यक्ति राष्ट्रीय संपत्ति पर कब्जा करने की कोशिश नहीं करेगा.

महाराष्ट्र के चंद्रपुर से सांसद अहीर ने संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन सरकार के कार्यकाल में हुए आवंटन घोटाले के ऊपर से पर्दा उठाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई.

उन्होंने कहा, “मैंने तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को 12-13 पत्र लिखे थे. मुझे सिर्फ उन पत्रों की पावती मिली.”

पहला पत्र 2006 में लिखा गया था. 59 वर्षीय अहीर को तत्कालीन लोकसभा में कोयला, इस्पात और खदान पर संसद की स्थायी समिति के सदस्य के तौर पर इस घोटाले की भनक मिली थी.

अहीर ने यह सूचना देश के नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक, सीएजी को भी दी, जिसने इस विषय पर जांच की.

उनकी शिकायत पर केंद्रीय सतर्कता आयोग ने भी जांच की.

गौरतलब है कि सर्वोच्च न्यायालय ने 1993 से हुए कोयला ब्लॉक आवंटन को सोमवार को अवैध, स्वेच्छाचारी, अपारदर्शी और प्रक्रियाहीन करार दिया है.

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