बस्तर

नक्सल इलाकों के बच्चों ने छू लिया आसमान

रायपुर । एजेंसी : बस मौका मिलने की देर थी और नक्सल पीड़ित बस्तर अंचल के बच्चों ने कमाल कर दिखाया. प्रतिभा को बस अवसर की तलाश रहती है. जिस क्षेत्र के एक-दो बच्चे ही बमुश्किल पीईटी, एआई पीएमटी, एआईईईई और पीपीएचटी जैसी परीक्षाओं में उत्तीर्ण हो पाते थे, आज वहां के 38 बच्चों ने एक वर्ष में ही इन परीक्षाओं में सफल होकर अपने परिवार के साथ-साथ छत्तीसगढ़ का नाम भी रौशन कर दिया है.

इन बच्चों ने रविवार को यहां मुख्यमंत्री रमन सिंह से उनके आवास पर मुलाकात कर अपनी सफलता की खुशियां बांटीं. इस दौरान बच्चों ने बताया कि प्रतियोगी परीक्षाओं में शामिल होने और भविष्य को संवारने की प्रेरणा उन्हें राज्य शासन द्वारा स्थापित शैक्षिक संस्था ‘छू लो आसमान’ से मिली. राज्य सरकार ने दंतेवाड़ा जिले के कारली में बालिकाओं तथा पातररास में बालकों के लिए यह शैक्षिक संस्था स्थापित की है.

इस संस्था में उच्च गुणवत्ता की पढ़ाई के साथ-साथ बच्चों को उनकी रुचि के अनुसार प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए भी तैयार किया जा रहा है.

‘छू लो आसमान’ में रहकर 78 प्रतिशत अंक से 12वीं कक्षा पास करने वाली दंतेवाड़ा के कुड़पारास की प्रियंका नागेश ने पीपीटी की परीक्षा में राज्य में अनुसूचित जनजाति वर्ग में सातवां और महिला वर्ग में पहला स्थान प्राप्त किया है. इस मेधावी बालिका को यहां रायपुर स्थित शासकीय इंजीनियरिंग कालेज में सिविल ब्रांच में प्रवेश भी मिल गया है.

प्रियंका का चयन एआईईईई में भी हुआ है, जिसकी काउंसलिंग अभी चल रही है. प्रियंका ने कहा कि उसने कभी सोचा भी नहीं था कि उसे पढ़ाई के क्षेत्र में इस तरह दोहरी-तीहरी कामयाबी मिलेगी.

इसी संस्था में तैयारी कर एआईपीएमटी पास करने वाली भावना ठाकुर ने बताया कि वह कार्डियोलाजिस्ट (हृदय रोग विशेषज्ञ) बनना चाहती है. हृदय की बीमारियों का इलाज बहुत मंहगा होता है, इसलिए वह कार्डियोलाजिस्ट बनकर गरीब मरीजों का नि:शुल्क इलाज करना चाहती है.

भावना दंतेवाड़ा जिले के ग्राम हाउरनार की रहने वाली है, और उसने 80 प्रतिशत अंकों के साथ 12वीं की परीक्षा उत्तीर्ण की है. भावना के पिता नंदलाल ठाकुर शिक्षाकर्मी हैं. भावना ने बताया कि पहले वह गीदम में पढ़ाई करती थी, लेकिन जब उसे पता चला कि ‘छू लो आसमान’ में प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए कोचिंग दी जाएगी तो उसने तुरंत इस संस्था में प्रवेश ले लिया और आज इसका प्रतिफल उसके सामने है.

पीएमटी परीक्षा में सफलता हासिल करने वाली श्यामा मरकाम ने कहा कि पीएमटी में पास होना और मुख्यमंत्री से मिलना उसे दोहरी खुशी दे रहा है. श्यामा सुकमा जिले के ग्राम धोबनपाल की रहने वाली है. उसकी मां श्रीमती आयते खेती-किसानी कर घर चलाती हैं.

श्यामा ने बताया कि 11वीं और 12वीं की पढ़ाई उसने ‘छू लो आसमान’ में पूरी की है. इस दौरान उसे यहां आवास, भोजन और पढ़ने-लिखने की नि:शुल्क सुविधा के साथ-साथ पीएमटी परीक्षा की तैयारी के लिए कोचिंग भी दी गई. श्यामा ने कहा कि अब वह चिकित्सक बनकर अपनी मां का सहारा बनेगी और अपने क्षेत्र में ही रहकर लोगों की सेवा करेगी.

मजदूरी कर जीवन-यापन करने वाले बचेली (दंतेवाड़ा) के निवासी श्री पदम बहादुर के बेटे गोपाल बहादुर ने भी अपनी प्रतिभा से ‘छू लो आसमान’ को चरितार्थ कर किया है. गोपाल ने 90.8 प्रतिशत अंकों के साथ 12वीं की परीक्षा पास करने के साथ ही पीईटी, एआईईईई और पीपीटी में भी सफलता हासिल की है.

गोपाल को भी शासकीय इंजीनियरिंग कॉलेज रायपुर में सिविल ब्रांच में प्रवेश मिल गया है, लेकिन गरीबी के कारण उसका परिवार इस कॉलेज की फीस देने में सक्षम नहीं है. इसके लिए जिला प्रशासन दंतेवाड़ा की ओर से मुख्यमंत्री रमन सिंह ने गोपाल को रविवार को 20,695 रुपए का चेक प्रदान किया. गोपाल ने कहा कि वह इंजीनियर बनकर अपने क्षेत्र की सेवा करना चाहता है. मौका और सुविधा मिली तो गोपाल आईएएस की भी तैयारी करना चाहता है.

इसी तरह अतुल कुमार ने भी पीपीटी, पीएमटी, पेट और पीपीएचटी की परीक्षा पास की है. डॉक्टर बनकर वह भी समाज सेवा में अपना योगदान देना चाहता है. अतुल दंतेवाड़ा के ग्राम तुड़पारास का रहने वाला है. उसने 12वीं की परीक्षा 80.80 प्रतिशत अंकों के साथ पास की है.

अतुल के पिता खेती करते हैं. इसी संस्था के छात्र मांगू को भी पीईटी और पीपीटी में सफलता मिली है. वह इंजीनियर बनने के साथ ही वैज्ञानिक भी बनना चाहता है, ताकि अपने क्षेत्र की जरूरतों के अनुसार वह नई-नई खोज कर सके.

error: Content is protected !!