बस्तर

आदिवासी क्षेत्र में डिजीटल पढ़ाई

रायपुर | संवाददाता: छत्तीसगढ़ के माओवाद प्रभावित क्षेत्रों में आदिवासी छात्रों को डिजीटल माध्यम से भी पढ़ाया जायेगा. छत्तीसगढ़ माध्यमिक शिक्षा मंडल ने एक ऐसा प्रस्ताव तैयार किया है. उल्लेखनीय है कि आदिवासी इलाकों के दसवीं-बारहवीं छात्रों के परिणामों में पाया गया कि पिछले सालों में एससी-एसटी वर्ग के छात्रों में दो से ढाई फीसदी ही प्रथम श्रेणी से उत्तीर्ण हो पाए हैं. बाकी वर्ग के छात्रों में 17 से 20 फीसदी छात्र प्रथम श्रेणी में पास हो रहे हैं. आदिवासी छात्रों के ज्यादातर संख्या में फेल होने से छत्तीसगढ़ माध्यमिक शिक्षा मंडल चिंतित है.

इसके लिये डिजीटल लैब तैयार किया जायेगा तथा राजधानी रायपुर से हर दिन क्लास लिया जायेगा. वीडियो कॉन्फेंसिंग की सुविधा भी मिलेगी. मूलतः सुकमा, दंतेवाड़ा, बीजापुर, भानुप्रतापपुर, कांकेर, बस्तर, केसकाल, नारायणपुर आदि इलाकों के छात्रों की हालत खराब है.

एससी और एसटी वर्ग के उन इलाकों के छात्रों के लिए हर दिन शाम 7 बजे से रात 8.30 बजे तक थिएटर या स्टूडियो के स्क्रीन प्रोजेक्टर के जरिए लाइव प्रोग्राम चलाया जाएगा, जो कि पढ़ने में बेहद कमजोर हैं विशेषज्ञ गणित, विज्ञान एवं अंग्रेजी पढ़ाएंगे. रविवार के दिन मनोरंजन के लिए क्रिकेट मैच, ज्ञानवर्धक डाक्यूमेंट्री, पर्यटन की जानकारी आदि के प्रोग्राम भी चलाएंगे.

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