छत्तीसगढ़

छत्तीसगढ़: महंत ने कहा SECL कर रहा शोषण

कोरबा | अब्दुल असलम: कोरबा कुसमुंडा परियोजना के विस्तार के लिये होने वाले जन सुनवाई में कांग्रेस विरोध करेगा. एसईसीएल कुसमुंडा परियोजना के क्षमता विस्तार के लिये 11 फरवरी को प्रस्तावित पर्यावरणीय स्वीकृति हेतु जन सुनवाई पर पूर्व कोरबा सांसद डॉ. चरणदास महंत ने कहा है कि किसी भी सूरत में प्रभावित होने वाले किसानों एवं ग्रामीणों की अनदेखी नहीं होने दी जाएगी. प्रबंधन के मनमाने रवैये का कांग्रेस पुरजोर विरोध करेगी. इस संबंध में पर्यावरण मंत्रालय, कोयला मंत्रालय को भी मेरे द्वारा पत्र लिखा गया है.

छत्तीसगढ़ के कांग्रेस नेता व क्षेत्र के पूर्व सांसद डॉ. चरण दास महंत ने कुसमुंडा विस्तार के लिये होने वाली पर्यावरणीय जन सुनवाई को लेकर उठ रहे विरोध को जायज ठहराते हुए कहा है कि एसईसीएल को जमीन देने के बाद प्रभावितों को वर्षों का कड़ुवा अनुभव है. 30 वर्षों से नौकरी, मुआवजा और बसाहट के लिये जूझ रहे लोगों के साथ कांग्रेस खड़ी है. डॉ. महंत ने कहा कि अपने लाभ के लिये एसईसीएल द्वारा कई महत्वपूर्ण तथ्यों को छुपाकर ईआईए रिपोर्ट तैयार की गई है एवं प्रभावित ग्रामीणों के मध्य न जाकर ऑफिसर क्लब में जनसुनवाई कराई जा रही है, जो नियम विरूद्ध है.

एसईसीएल प्रबंधन मूल आदिवासियों और किसानों का निरंतर शोषण करता आ रहा है और इस शोषण को भाजपा की सरकार बनने के बाद और बढ़ावा मिला है. डॉ. महंत ने कहा है कि कांग्रेस की सरकार ने कोयला उद्योग का राष्ट्रीयकरण किया और पूर्ववर्ती एनडीए तथा मौजूदा भाजपा की सरकार इस लाभकारी उद्योग को निजीकरण की ओर ढकेल रही है. उद्योगपतियों को लाभ पहुंचाने भाजपा सरकार रेड कारपेट बिछा रही है. भूमि अधिग्रहण विधेयक में संशोधन कर दिया गया. कोल बेयरिंग एक्ट का पालन नहीं हो रहा है, विकास के नाम पर सिर्फ दिखावे किए जा रहे हैं.

डॉ. महंत ने कहा कि वन और आदिवासियों के संरक्षण के लिये जो कानून बनाए गए थे उनमें परिवर्तन कर दिया गया. उद्योगों के लिए भूमि अधिग्रहण से पहले किसानों की सहमति आवश्यक थी जो अब नहीं है. निजी खदानों को खोलने प्रोत्साहित किया जा रहा है. माइनिंग मिनरल डेव्लपमेंट रेग्युलेशन एक्ट को भी बदलने का प्रयास जारी है. श्रमिक संगठनों को अंधेरे में रखकर एवं उनसे भी छलावा करने से यह सरकार बाज नहीं आ रही.

मोदी सरकार बहुमत के नाम पर सत्ता हासिल करने के बाद अब जनता को धोखा दे रही है. संसद में बहस कराने की बजाय अध्यादेश लाया जाकर यह सारा खेल खेला जा रहा है, जिसका कांग्रेस पुरजोर विरोध करती है. डॉ. महंत ने कहा है कि कुसमुंडा विस्तार परियोजना के लिये जमीन अधिग्रहण से पहले समस्त प्रभावितों के हित की चिन्ता एसईसीएल प्रबंधन को करनी होगी और पहले की तरह सिर्फ वादे और आश्वासन से काम नहीं चलेगा बल्कि इसे साकार करना होगा. डॉ. महंत ने स्थानीय प्रशासन एवं शासन से कहा है कि पर्यावरणीय जनसुनवाई एक बंद क्लब में नहीं बल्कि प्रभावित क्षेत्र में कराया जाए.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!