छत्तीसगढ़

छत्तीसगढ़ की संजीवनी, ‘संजीवनी’ एंबुलेंस

रायपुर | समाचार डेस्क: पीड़ित मानवता की सेवा के लिए छत्तीसगढ़ सरकार के सहयोग से संचालित एम्बुलेंस वाहन ‘संजीवनी 108’ गंभीर मरीजों के लिए सचमुच संजीवनी साबित हो रहे हैं. इन एम्बुलेंस वाहनों के जरिए राज्य में अब तक 11 लाख से ज्यादा जरूरतमंद मरीजों को संकट के समय नि: शुल्क सेवाएं दी गई हैं.

विभिन्न सड़क हादसों और अन्य आकस्मिक दुर्घटनाओं तथा बीमारियों से पीड़ित अत्यंत गंभीर 37 हजार से ज्यादा मरीजों को विशेष चिकित्सा सहायता दी जा चुकी है. इसके अलावा महतारी एक्सप्रेस 102 की योजना में 13 लाख से ज्यादा गर्भवती माताओं और एक वर्ष तक के नन्हें बच्चों को भी अस्पतालों में त्वरित इलाज मिला है.

टोल फ्री टेलीफोन नंबर पर आधारित दोनों सेवाओं का संचालन राज्य शासन द्वारा हैदराबाद के इमरजेंसी मैनेजमेंट रिसर्च इंस्टीट्यूट के सहयोग से किया जा रहा है.

इस संस्था के अधिकारियों ने बताया कि उनकी संस्था पूरे भारत में जनता को बिना किसी आर्थिक लाभ के अपनी सेवाएं देने वाली सबसे बड़ी नॉनप्राफिटेबल समाजसेवी संस्था है. भारत के 16 राज्यों में 45 हजार कर्मचारियों और 13 हजार संजीवनी एक्सप्रेस एम्बुलेंस वाहनों के जरिए संस्था द्वारा देशवासियों को अपनी सेवाएं दी जा रही हैं.

बहुत जल्द जम्मू-कश्मीर और बंगाल की सरकारों के सहयोग से इन दोनों राज्यों में भी संजीवनी 108 के वाहन जनता की सेवा के लिए तैनात हो जाएंगे. भारत सरकार के सहयोग से यह संस्था बहुत जल्द पड़ोसी देश श्रीलंका में भी संजीवनी 108 का संचालन करने जा रही है.

मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने छत्तीसगढ़ में 25 जनवरी 2011 को संजीवनी 108 की सेवाओं का शुभारंभ किया था. आज की स्थिति में राज्य के सभी 27 जिलों में इस सेवा के लिए 240 एम्बुलेंस कार्यरत हैं. इनके जरिए 11 लाख 18 हजार लोगों को चिकित्सा सेवाओं का लाभ मिला. इनमें 2 लाख 38 हजार 114 गर्भवती माताएं भी शामिल हैं.

इनके अलावा सड़क हादसों के शिकार लगभग एक लाख 75 हजार 414 मरीजों को भी तत्काल अस्पतालों तक पहुंचाया गया. गंभीर रूप से पेट दर्द की शिकायत वाले एक लाख 67 हजार 476, बुखार तथा अन्य संक्रामक बीमारियों से पीड़ित एक लाख 1 हजार 168 तथा हृदय रोग से पीड़ित 34 हजार 500 मरीजों को भी संजीवनी के वाहनों से अस्पतालों में भर्ती करवाया गया.

अधिकारियों ने बताया कि लगभग तीन वर्ष पहले शुरू की गई टोल फ्री नंबर 102 पर आधारित छत्तीसगढ़ सरकार की महतारी एक्सप्रेस योजना के तहत 300 एम्बुलेंस का संचालन भी हैदराबाद की संस्था द्वारा किया जा रहा है.

संस्था ने महतारी एक्सप्रेस के एम्बलेंस वाहनों के जरिए अब तक 13 लाख गर्भवती माताओं और उनके नन्हें बच्चों को इलाज के लिए तत्परता से अस्पतालों में पहुंचाया. इनमें से लगभग पांच लाख मरीजों को अस्पतालों से उनके घरों तक और पांच लाख 25 हजार महिलाओं और बच्चों को घरों से अस्पतालों तक नि: शुल्क पहुंचाया गया.

इमरजेंसी मैनेजमेंट रिसर्च इंस्टीट्यूट के अधिकारियों ने यह भी बताया कि छत्तीसगढ़ की जनता को आपातकालीन सेवाएं देने के लिए राज्य सरकार के साथ उनका अनुबंध संपूर्ण पारदर्शिता और नियमों के तहत हुआ है. चूंकि यह मानव स्वास्थ्य से जुड़ी अत्यंत महत्वपूर्ण सेवा है, इसलिए राज्य सरकार ने संस्था के पूर्व के बेहतर प्रदर्शन और उसकी गुणवत्ता आदि को ध्यान में रखकर अत्यंत सावधानी के साथ संस्था का चयन किया है.

भारत में इस संस्था द्वारा संजीवनी 108 की सेवाएं सबसे पहले हैदराबाद में वर्ष 2005 में शुरू की गई थी. जी.वी. कृष्णा रेड्डी इसके संस्थापक हैं. इस संस्था को दुनिया की सबसे बड़ी आपातकालीन एम्बुलेंस सेवा देने वाली संस्था के रूप में चिन्हांकित किया जा सकता है.

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