छत्तीसगढ़

हिंदी में उत्तर देने वाले 500 छात्र फेल

रायपुर | एजेंसी: छत्तीसगढ़ के सबसे बड़े विश्वविद्यालय पं. रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय ने एमए के सभी छात्रों को अनुत्तीर्ण घोषित कर दिया है. फिलहाल संस्कृत के एमए पूर्व और एमए अंतिम के परिणाम रोक दिए गए हैं. उल्लेखनीय है कि इस वर्ष एमए, संस्कृत सामान्य परीक्षा में पूर्व के नियमित 60 तथा फाइनल में 50 छात्रों सहित निजी छात्रों को मिलाकर कुल पांच सौ छात्रों ने परीक्षा दी थी. इस संबंध में छात्रों तथा प्राध्यापकों का साफ कहना है कि परीक्षा फार्म भरने के दौरान सिर्फ हिंदी तथा अंग्रेजी के ऑप्शन दिए गए थे. संस्कृत विषय का ऑप्शन ही नहीं था.

इसके अलावा, प्रवेशपत्र में भी दोनों विषयों का जिक्र था. इसके बाद छात्रों के प्रवेशपत्र को हाथ से सुधारकर संस्कृत लिखा गया. इस दौरान भी छात्रों को संस्कृत में लिखने की अनिवार्यता से अवगत नहीं कराया गया.

इधर कापी की जांच करने वाले शिक्षकों को भी निर्देश थे कि संस्कृत में जवाब देने वाले छात्रों को ही पास किया जाए.

गौरतलब है कि पूरे देश में संस्कृत विवि और महाविद्यालयों में दो प्रकार से संस्कृत का अध्ययन-अध्यापन कराया जाता है. पहला ट्रेडिशनल संस्कृत है, जिसमें विशुद्ध संस्कृत का उपयोग होता. इसमें संस्कृत का जवाब संस्कृत में देना अनिवार्य होता है.

दूसरा, सामान्य संस्कृत है जिसमें हिंदी, अंग्रेजी तथा संस्कृत तीनों में पढ़ाई कराई जाती है. परीक्षा में तीनों ही भाषा में जवाब दिए जाते हैं. इसमें संस्कृत का संस्कृत में ही देने की बाध्यता नहीं है. फिलहाल प्रदेश के संस्कृत महाविद्यालय सहित पूरे देश के संस्कृत विश्वविद्यालयों में यही नियम लागू है.

संस्कृत महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. अंजनी कुमार शुक्ला का कहना है कि रविवि में फेल वाले छात्रों के संबंध में सहानुभूतिपूर्वक पुनर्विचार किया जाना चाहिए.

रविवि के कुलसचिव के.के. चंद्राकर ने कहा कि फेल होने वाले छात्रों के संबंध में अभी कुछ नहीं कहा जा सकता. शिक्षकों तथा छात्रों को पहले दिन से ही नियमों की जानकारी थी. फार्मो में भी ऐसा उल्लेख किया गया था.

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