छत्तीसगढ़

राज्यसभा: BJP को छत्तीसगढ़ से उम्मीद

रायपुर | समाचार डेस्क: भाजपा राज्यसभा के लिये छत्तीसगढ़ से कुछ ज्यादा ही उम्मीद लगाई बैठी है. भाजपा राज्यसभा चुनाव में छत्तीसगढ़ की दूसरी सीट पर भी नज़र गड़ाये बैठी है. जानकारों का मानना है कि राज्यसभा की दूसरी सीट के लिये भाजपा का सारा गणित कांग्रेस के अंदुरनी गुटबाजी पर लगा हुआ है. खबर है कि कांग्रेस से पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी भी इस सीट के लिये ताल ठोंकने वालें हैं. यदि ऐसा होता है तथा जोगी अड़ जाते हैं तो भाजपा उसका फायदा उठा सकती है. बहरहाल, विधायकों की संख्या को देखते हुये दोनों पार्टियों को एक-एक सीट मिलना तय है. गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ से राज्यसभा के लिए कुल जमा दो सीटों पर चुनाव होने हैं. इसके लिए दोनों प्रमुख दलों कांग्रेस और भाजपा में जोर-शोर से तैयारियां चल रही हैं.

अंकगणित के हिसाब से दोनों दलों को एक-एक सीट मिलनी है, लेकिन चर्चा है कि भाजपा ने कांग्रेस के भीतरी हालात को देखते हुए उसकी किसी भी चूक का फायदा उठाने की भी तैयारी कर ली है. उसने 25 से 31 मई तक अपने सभी विधायकों को रायपुर में ही रहने को कहा है.

दोनों दलों के नेता दिल्ली तक अपनी तरह से अलग लॉबिंग कर रहे हैं. इसको देखकर कहा जा सकता है कि राज्यसभा की दो सीटों पर चुनाव दिलचस्प होंगे.

राजनीति के जानकार बताते हैं कि भाजपा की ओर से इसके लिए एक-दो दिन में व्हिप जारी हो जाएगा. 34-34 विधायकों के समर्थन से भाजपा व कांग्रेस को एक-एक सीट मिलनी तय है, लेकिन भाजपा ने कांग्रेस की गुटबाजी को लेकर बनने वाली स्थिति पर भी नजर गड़ा रखी है. वह इस ताक में भी है कि कांग्रेस की तरफ से कोई बागी चुनाव में खड़ा हो जाए.

भाजपा सूत्रों के अनुसार, वह इस तरह एक तीर से दो निशाने लगा सकती है. एक तो वह कांग्रेस की आपसी गुटबाजी की खाई को हवा दे कर और गहरा कर देगी और दूसरी संभावना बनी तो राज्यसभा की दूसरी सीट भी हथियाकर दिल्ली को बड़ा तोहफा दे सकती है.

सूत्रों का दावा है कि कुछ विपक्षी विधायकों को उसके नेताओं ने टटोलना शुरू कर दिया है. लगातार कमजोर कड़ी तलाशी जा रही है. हालांकि कुछ नेता इसके राजनीतिक नफा-नुकसान को लेकर भी साफ चिंतित हैं. झारखंड का उदाहरण भी उनके सामने है.

भाजपा को राज्यसभा में सीटों की नितांत जरूरत है. कम संख्या की वजह से उसके कई महत्वपूर्ण बिल अटके पड़े हैं. राज्यसभा चुनाव को लेकर हाल ही में राष्ट्रीय सह संगठन मंत्री सौदान सिंह पार्टी के बड़े नेताओं चर्चा कर चुके हैं. उसके बाद से चुनावी सरगर्मी बढ़ गई है.

मोहसिना किदवई का कार्यकाल पूरा होने के बाद खाली हो रही सीट के लिए उम्मीदवार तय करने को लेकर कांग्रेस में कवायद शुरू हो गई है. आलाकमान के बुलावे पर कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष भूपेश बघेल फिलहाल दिल्ली में ही हैं, जबकि नेता प्रतिपक्ष टीएस सिंहदेव राजधानी लौट आए हैं.

हालांकि, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष भूपेश बघेल का कहना है कि वे संगठन के काम से दिल्ली में हैं और प्रदेश प्रभारी बीके हरिप्रसाद ने संगठनात्मक चर्चा के लिए एक दिन और रोक लिया है.

बघेल ने कहा कि राज्य सभा में प्रदेश से कौन उम्मीदवार होगा इसका फैसला आलाकमान को ही करना है.

बताया जा रहा है कि कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी बी.के. हरिप्रसाद 25 मई को रायपुर प्रवास पर रहेंगे. इस दौरान इस मामले में भी वे प्रदेश के नेताओं से चर्चा करेंगे.

उधर दिल्ली में हरिप्रसाद से गंगा पोटाई, धनेश पाटिला, पी.आर. खुंटे, विधान मिश्रा समेत कई पूर्व मंत्रियों और विधायकों ने मुलाकात कर अपनी दावेदारी पहले ही ठोक दी है.

वहीं पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी भी लगातार हाईकमान के संपर्क में बताए जा रहे हैं. उनका नाम भी दावेदारों में चल रहा है, जबकि जोगी के निष्कासन का प्रस्ताव अभी भी पार्टी की अनुशासन समिति के पास लंबित है.

बहरहाल, मौजूदा राजनीतिक हालात को देखकर साफ-साफ नहीं कहा जा सकता कि राज्य सभा की एक सीट कांग्रेस को वापस मिल जाएगी. राज्यसभा में भाजपा को भी अपनी ताकत बढ़ानी है, ऐसे में ऊंट किस करवट बैठता है, यह चुनाव परिणाम आने पर ही साफ हो पाएगा.(एजेंसी इनपुट के आधार पर)

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