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छत्तीसगढ़ में बिजली संकट गहराया

कोरबा | समाचार डेस्क: छत्तीसगढ़ में 1 हजार मेगावाट विद्युत उत्पादन में गिरावट आई है. छत्तीसगढ़ के कोरबा में स्थित हसदेव ताप बिजली प्लांट में कोयले की कमी से विद्युत उत्पादन में गिरावट आया है तथा विद्युत संकट की स्थिति निर्मित हो गई है.

छत्तीसगढ़ के कोरबा स्थित हसदेव ताप बिजली प्लांट की कुल उत्पादन क्षमता 1360 मेगावाट की है जबकि केवल 300 मेगावाट का ही उत्पादन हो पा रहा है. बिजली की कमी को सेन्ट्रल फीडर से बिजली लेकर पूरा किया जा रहा है.

मिली जानकारी के अनुसार कोयले की कमी के कारण छत्तीसगढ़ में विद्युत उत्पादन प्रभावित हो रहा है.

छत्तीसगढ़ सरकार के दावे-
* उल्लेखनीय है कि छत्तीसगढ़ में देश का 16.13 फीसदी कोयला उपलब्ध है.

* छत्तीसगढ़ देश का ऐसा अकेला राज्य है, जिसने आधिकारिक तौर पर बकायदा ‘जीरो पावर कट स्टेट’ होने की घोषणा की है.

* प्रदेश की कुल विद्युत उत्पादन क्षमता साल 2000 में 1360 मेगावाट थी जो साल 2011 में बढ़कर 1924 मेगावाट हो गयी है.

* आगामी 7-8 वर्षों में कम से कम 30 हजार मेगावाट क्षमता के बिजली घरों से उत्पादन प्रारंभ हो जाएगा. उनसे मिलने वाली हमारे हिस्से की बिजली बेचकर हमें एक मोटे अनुमान के अनुसार 10 हजार करोड़ रूपए से अधिक की अतिरिक्त आय हर साल होने लगेगी. ऐसे उपायों से शायद हम छत्तीसगढ़ को टैक्स-फ्री राज्य भी बना सकेंगे.

* हमारे राज्य की ऊर्जा राजधानी कोरबा आने वाले दिनों में 10 हजार मेगावाट बिजली उत्पादन करने लगेगी, जिसके कारण कोरबा जिला देश का सबसे बड़ा ऊर्जा उत्पादक जिला और देश की ऊर्जा राजधानी बन जाएगा.

* इसी तरह से साल 2000 में छत्तीसगढ़ में 18 लाख विद्युत के उपभोक्ता थे जो साल 2011 में 28 लाख हो गये हैं.

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