छत्तीसगढ़ विकास दर में सबसे पीछे
रायपुर | संवाददाता: विकास दर के मामले में छत्तीसगढ़ फिसड्डी साबित हुआ है. 15 साल पहले एक साथ अस्तित्व में आये छत्तीसगढ़, उत्तराखंड और झारखंड के आंकड़ों देखें तो छत्तीसगढ़ कई मामलों में झारखंड से भी पिछड़ गया है. जबकि उत्तराखंड ने तो अधिकांश मामलों में छत्तीसगढ़ को पछाड़ दिया है.
केंद्रीय सांख्यिकी एवं योजना मंत्रालय के आंकड़ों की मानें तो 2014-15 में छत्तीसगढ़ की विकास दर 5.86 फीसदी रह गई है. इसके उलट साथ में ही गठित झारखंड में विकास दर 8.53 फीसदी और उत्तराखंड की 9.34 फीसदी है. किसी समय देश के विकास दर से भी अधिक आंकड़ों की बात करने वाले छत्तीसगढ़ एक खराब दौर से गुजर रहा है.
पिछले पांच सालों में अरबों रुपये के निवेश की सैकड़ों योजनायें एमओयू तक ही रह गई हैं और कई ने तो शुरुआत कर के अपना बोरिया-बिस्तर बांध लिया. हालत ये है कि प्रति व्यक्ति आय के मामले में भी छत्तीसगढ़ नये बने राज्य उत्तराखंड से लगभग आधे पर है. 2013-14 में उत्तराखंड में प्रति व्यक्ति आय 103716 रुपये थी, जबकि झारखंड में यह आंकड़ा 46131 रुपये और छत्तीसगढ़ में 58547 रुपये ही था.
एनएसएसओ के आंकड़ों के मुताबिक छत्तीसगढ़ के ग्रामीण क्षेत्रों में 2004-05 में बेहद गरीबों की संख्या 24.2 फीसदी थी, जो 2011-12 में बढ़कर 33.7 फीसदी हो गयी. अगर शहरी क्षेत्रों में गरीबी की बात करें तो छत्तीसगढ़ में 2004-05 में यह संख्या 19.8 फीसदी से बढ़कर 2011-12 में 34 फीसदी हो गयी.
साक्षरता के मामले में भी छत्तीसगढ़, उत्तराखंड से पीछे है. 2011 के आंकड़े देखें छत्तीसगढ़ में यह आंकड़ा 71 फीसदी है, जबकि पुरुष साक्षरता दर 81.5 फीसदी और महिला साक्षरता दर 60.6 फीसदी थी. लेकिन उत्तराखंड में साक्षरता दर 79.6 फीसदी है. पुरुष साक्षरता दर 88.3 फीसदी और महिला साक्षरता दर 70.7 फीसदी है.