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ब्लैक से व्हाइट मनी बनाने वाली मशीन

रायपुर | संवाददाता: पेट्रोल-डीजल के पंप ईंधन देने के अलावा काली कमाई को सफेद भी कर सकती है. ऐसा पहले नहीं होता था परन्तु नोटबंदी करने के बाद से 9 नवंबर से हो रहा है.

सूत्रों का दावा है कि छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर शहर से लगे पेट्रोल पंपों में यह धंधा 15 दिसंबर तक जोरों से चला है. खबरों के अनुसार 500 और 1000 के पुराने नोट 30 फीसदी तक कमीशन लेकर बदले गये हैं. गौरतलब है कि नोटबंदी के बाद भी परिवहन व्यवस्था को बनाये रखने के लिये केन्द्र सरकार ने 15 दिसंबर तक पेट्रोल पंपों में पुराने नोट चलाने की अनुमति दे रखी थी.

केन्द्र सरकार की इस छूट का फायदा काली कमाई से जमा 500 और 1000 के नोटों को खपाने के लिये किया गया. बैंकिंग सूत्रों का भी कहना है कि इस दौरान पेट्रोल पंपो से जो रकमें आई उनमें से करीब 98 फीसदी रकम 500 और 1000 के नोटों के रूप में थी.

हालांकि, छत्तीसगढ़ पेट्रोलियम डीलर्स एसोसियेशन के अध्यक्ष अखिल धगट का कहना है कि ऐसा संभव नहीं है. क्योंकि मालिक बीच-बीच में अपने पंपों की निगरानी करते रहते हैं. उऩका यह भी कहना है कि यदि कोई कर्मचारी इस काम में लिप्त रहा हो तो कहा नहीं जा सकता.

इधर, सूत्रों का यह भी दावा है कि यदि पेट्रोल पंपों के बिक्री, उनके पास कंपनी से कितनी मात्रा में पेट्रोल-डीजल आये, कितने बिके तथा इस बीच बैंकों में जमा कराये गये रकमों का मिलान किया जाये तो मामले की तह तक पहुंचा जा सकता है.

छत्तीसगढ़ में हजार से ज्यादा पेट्रोल पंप हैं. बताया जा रहा है कि ज्यादातर में ग्राहकों से पुराने नोट लेने में आनाकानी की जाती रही है. सूत्रों का तो यह भी कहना है कि छत्तीसगढ़ के बाकी शहरों के पेट्रोल पंपों पर भी काली कमाई को सफेद किया जाता रहा है.

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