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बेमेतरा में खुली जेल: रमन सिंह

रायपुर | समाचार डेस्क: छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने कहा है कि छत्तीसगढ़ की जेलों में कैदियों को कौशल उन्नयन का प्रशिक्षण देकर उन्हें हुनरमंद बनाने का प्रयास किया जाएगा. जिससे वे समाज में नए सिरे से जीवन शुरू कर सकें. उन्होंने बताया की बेमेतरा में आने वाले समय में पांच सौ की क्षमता वाली खुली जेल शुरू की जाएगी. मुख्यमंत्री शुक्रवार को माना स्थित नगर सेना के केंद्रीय प्रशिक्षण संस्थान में आयोजित जेल प्रहरियों की प्रथम दीक्षांत परेड में शामिल हुए. उन्होंने परेड का निरीक्षण कर परेड की सलामी ली.

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार का यह प्रयास है कि प्रदेश की जेलें आदर्श सुधार गृह के रूप में विकसित हों. उन्होंने कहा कि जेलों की वर्तमान क्षमता और अधोसंरचना विस्तार के काम के साथ नई जेल भी बनाई जा रही हैं.

डॉ. सिंह ने कहा कि जेल दुनिया की सबसे पुरानी व्यवस्थाओं में से एक है, जिसका स्वरूप समय के साथ-साथ बदलता जा रहा है. आज जेलों ने सुधार गृह का स्वरूप ले लिया है, जहां कैदियों को शिक्षा और प्रशिक्षण प्रदान किया जा रहा है.

मुख्यमंत्री ने जेल प्रहरियों से कहा कि कैदियों के जीवन में परिवर्तन लाने में आपकी भी महत्वूपर्ण भूमिका होगी. उन्होंने जेल प्रहरियों को उज्ज्वल भविष्य के लिए शुभकामनाएं दीं.

समारोह में प्रशिक्षण के दौरान विभिन्न स्पर्धाओं के विजेताओं को मुख्यमंत्री ने शील्ड और प्रमाणपत्र प्रदान कर सम्मानित किया.

कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए गृहमंत्री रामसेवक पैकरा ने कहा कि छत्तीसगढ़ की जेलों में कैदियों को सिलाई-कढ़ाई के साथ-साथ गौ-पालन और विभिन्न कार्यों का प्रशिक्षण प्रदान किया जा रहा है.

जेल प्रहरी के रूप में 750 युवाओं को प्रशिक्षण दिया गया, जिनमें से दीक्षांत परेड में 208 जेल प्रहरी शामिल हुए.

महानिदेशक जेल गिरधारी नायक ने बताया कि राज्य सरकार द्वारा जेलों में सुविधाएं विकसित करने के लिए काफी संसाधन उपलब्ध कराएं गए हैं. कई जेलों में विस्तार कार्य चल रहे हैं. जल्द ही प्रदेश की जेलों की क्षमता बढ़कर 14 हजार हो जाएगी. जेलों में आठ हजार 800 कैदियों को साक्षर बनाया गया है.

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