बस्तर

नक्सली मनाएंगे स्थापना दिवस

जगदलपुर | एजेंसी: छत्तीसगढ़ में नक्सलियों ने 21 सितंबर से स्थापना दिवस मनाने का ऐलान किया है. बस्तर के विभिन्न इलाकों में इस आशय के पर्चे व बैनर लगाकर नक्सलियों ने जनता से कार्यक्रमों में शामिल होने की अपील की है.

नक्सलियों के आह्वान के बाद बस्तर में एक बार फिर दशहत फैल गई है. उधर, रेलवे ने शुक्रवार से ही रात्रिकालीन सभी रेलगाड़ियों का परिचालन बंद कर वाल्टेयर से किरंदुल तक चलने वाली पैसेंजर ट्रेन को जगदलपुर से ही लौटाने का निर्देश दिया है. इन इलाकों में यात्री वाहनों सहित अन्य मालवाहक वाहनों के पहिए भी थमे रहंगे.

स्टेशन अधीक्षक एम.आर. नायक के अनुसार, केके लाइन में संचालित होने वाली पैसेंजर ट्रेन 27 सितंबर तक किरंदुल तक नहीं चलेगी. शुक्रवार शाम को वाल्टेयर से आने वाली पैसेंजर किरंदुल नहीं भेजी गई.

रेल प्रशासन ने पूर्व हमलों को गंभीरता से लेते हुए यात्रियों की सुरक्षा के मद्देनजर केके लाइन में संचालित पैसेंजर ट्रेन को किरंदुल के बजाय जगदलपुर तक ही चलाने का निर्देश जारी किया है. उन्होंने बताया कि इस मार्ग पर रात में मालगाड़ियों की आवाजाही पर भी सख्ती से रोक लगा दी गई है.

नक्सलियों ने गुरुवार रात बस्तर के विभिन्न इलाकों में जगह-जगह हस्तलिखित पर्चे व बैनर चस्पा किए हैं. इधर, अलग-अलग जगहों से मिले नक्सली पर्चो में नक्सलियों ने मुख्य रूप से वर्षगांठ मनाए जाने के अलावा सुरक्षा बलों की तैनाती का विरोध, नक्सल विरोधी अभियान बंद करने, सरकार के झूठे विकास का पर्दाफाश करने का उल्लेख किया गया है, साथ ही नक्सली नेताओं को हमले से बचाने की भी बात भी लिखी है.

पुलिस ने इन पर्चो को जब्त कर लिया है. संभाग के कुछ हिस्सों में नक्सलियों ने सड़क को अनेक स्थानों पर खोद डाला है और पेड़ काटकर गिरा दिए हैं, जिससे भयवश इस मार्ग पर वाहनों का आवागमन ठप्प हो गया है.

बस्तर के आईजी अरुण देव गौतम ने बताया कि नक्सलियों के वर्षगांठ सप्ताह को लेकर पुलिस पूरी तरह एहतियात बरत रही है. उन्होंने बताया कि वारदातों की आशंका के कारण प्रत्येक नक्सल प्रभावित इलाकों में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं. संवेदनशील इलाकों में सघन गश्त कर विशेष चौकसी बरती जा रही है.

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