छत्तीसगढ़

महापौर-पार्षदों का मानदेय-भत्ता बढ़ा

रायपुर | समाचार: छत्तीसगढ़ में महापौर तथा पार्षदों को मिलने वाले मानदेय-भत्तों में बढ़ोतरी की गई है. पहले महापौर का मानदेय 11 हजार रुपया महीना था जिसे बढ़ाकर 13 हजार रुपये कर दिया गया है. महापौर को मिलने वाला भत्ता भी ढाई हजार से बढ़ाकर तार हजार रुपये कर दिया गया है. नगर निगम के समाभति का मानदेय 9 हजार से बढ़ाकर 11 हजार रुपये कर दिया गया है. नगरनिगम के सभापति को मिलने वाले भत्ते को 14 सौ से बढ़ाकर 2 हजार रुपये कर दिया गया है.

इसी तरह से पार्षदों के मानदेय को 6 हजार से बढ़ाकर साढ़े सात हजार रुपये का कर दिया गया है.

नगरपालिका अध्यक्ष का मानदेय 3 हजार से बढ़ाकर 4 हजार रुपये तथा भत्ता 18 सौ से बढ़ाकर 2 हजार रुपये कर दिया गया है. उपाध्यक्ष का मानदेय 24 सौ से बढ़ाकर 3 हजार रुपये तथा भत्ता 8 सौ से बढ़ाकर 1 हजार का कर दिया गया है. पार्षदों का मानदेय 18 सौ से बढ़ाकर ढ़ाई हजार रुपये का कर दिया गया है.

नगरपंचायत के अध्यक्ष का मानदेय 24 सौ से बढ़ाकर 3 हजार रुपये तथा भत्ता 11 सौ से बढ़ाकर 14 सौ कर दिया गया है. उपाध्यक्ष का मानदेय 21 सौ से बढ़ाकर ढ़ाई हजार रुपये तथा भत्ता 8 सौ से बढ़ाकर 1 हजार रुपये कर दिया गया है. पार्षद को मानदेय 14 सौ के बजाये 2 हजार रुपये महीना मिला करेगा.

इससे पहले अप्रैल माह में मुख्यमंत्री, मंत्री तथा विधायकों के वेतन व भत्तों में भी बढ़ोतरी की गई थी.

छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री का वेतन तथा भत्ता 1 अप्रैल से 45 फीसदी, मंत्रियों का 44 फीसदी, संसदीय सचिवों का 45 फीसदी, विधानसभा अध्यक्ष का 45 फीसदी, विधानसभा उपाध्यक्ष का 45 फीसदी, नेता प्रतिपक्ष का 44 फीसदी बढ़ा है.

राज्य के मुख्यमंत्री का वेतन 93 हजार रुपये प्रतिमाह से बढ़कर 1.35 लाख रुपये प्रतिमाह हो गया है. वहीं मंत्रियों का वेतन 90 हजार रुपये प्रतिमाह से बढ़कर 1.30 लाख रुपये प्रतिमाह हो गया है. जबकि संसदीय सचिवों का वेतन 83 हजार रुपये प्रतिमाह से बढ़कर 1.21 लाख रुपये प्रतिमाह हो गया है.

इसी तरह विधानसभा अध्यक्ष का वेतन 91 हजार रुपये प्रतिमाह से बढ़कर 1.32 लाख रुपये प्रतिमाह, विधानसभा उपाध्यक्ष का वेतन 88 हजार रुपये प्रतिमाह से बढ़कर 1.28 लाख रुपये प्रतिमाह और विपक्ष के नेता का वेतन 90 हजार रुपये प्रतिमाह से बढ़कर 1.30 लाख रुपये प्रतिमाह हो गया है.

अब विधायकों को 1.10 लाख रुपये प्रतिमाह वेतन मिलेगा. जिसमें से बेसिक सेलरी 20 हजार रुपये, 30 हजार रुपये निर्वाचन क्षेत्र भत्ता, पांच हजार रुपये टेलीफोन भत्ता, 15 हजार रुपये अर्दली भत्ता तथा 10 हजार रुपये चिकित्सकीय भत्ता शामिल है.

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