छत्तीसगढ़

छग में नगरी निकाय चुनाव दिसंबर में?

रायपुर | संवाददाता: छत्तीसगढ़ में नगरी निकाय चुनाव दिसंबर में संभावित है. इस बात के भी आसार हैं कि यह नगरी निकाय चुनाव दिसंबर के पहले हफ्तो में ही जो जाये. इससे यह धारणा बनती है कि इसी हफ्ते नगरी निकाय चुनाव के कार्यक्रम की घोषमा की जा सकती है. बुधवार को राज्य निर्वाचन आयुक्त पीसी दलेई ने मंत्रालय में नगरीय निकाय और त्रि-स्तरीय पंचायतों के आम चुनाव की प्रशासनिक तैयारियों की विस्तार से समीक्षा की. बैठक में प्रदेश के नक्सल प्रभावित जिलों खासकर दक्षिण बस्तर के जिलों की तैयारियों पर विशेष रूप से चर्चा की गयी.

छत्तीसगढ़ के निर्वाचन आयुक्त दलेई ने नगरीय निकायों के चुनाव की तैयारियों पर संतोष व्यक्त करते हुए बताया कि इस चुनाव के लिए मतदाता सूची तैयार करने, मतदान केन्द्रों के निर्धारण तथा इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन की पूरी व्यवस्था कर ली गई है. नगरीय निकायों के साथ-साथ पंचायत चुनाव की तैयारी की जानी है. बैठक में मुख्य सचिव विवेक ढांड, पुलिस महानिदेशक एएन उपाध्याय, गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव एनके असवाल, पंचायत और ग्रामीण विकास विभाग के अपर मुख्य सचिव एमके राउत, नगरीय प्रशासन विभाग के प्रमुख सचिव आरपी मंडल सहित सभी कमिश्नर, पुलिस महानिरीक्षक, कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक उपस्थित थे.

छत्तीसगढ़ के निर्वाचन पदाधिकारी दलेई ने दोनों चुनावों के लिए मतदाता सूची, आचरण आचार संहिता का पालन, मत पत्र मुद्रण, मतदान केन्द्रों के निर्धारण, कानून व्यवस्था, मतगणना व्यवस्था आदि के संबध में कलेक्टरों और पुलिस अधीक्षकों से विस्तार से चर्चा की. छत्तीसगढ़ के निर्वाचन पदाधिकारी दलेई ने बताया कि नगरीय निकायों के चुनाव के संदर्भ में जिला निर्वाचन अधिकारियों द्वारा परिसीमन और मतदाता सूचियां तैयार करने का काम काफी सफलतापूर्वक कर लिया गया है.

उन्होंने कहा कि इन चुनावों में जिला निर्वाचन अधिकारियों की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी होती है. भविष्य में इन चुनावों के लिए जो भी जानकारी छत्तीसगढ़ राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा मंगाई जाती है, उन्हें समय पर भेजने की कार्रवाई की जानी चाहिए. श्री दलाई ने अधिकारियों को आदर्श आचार संहिता का कड़ाई से पालन सुनिश्चित करने के निर्देश भी दिए.

बैठक में बारी-बारी से सभी जिलों के कलेक्टरों एवं जिला निर्वाचन अधिकारियों तथा पुलिस अधीक्षको से इन चुनावों की तैयारियों की विस्तार से जानकारी ली गयी. विशेष तौर पर मतदान केन्द्रों के निर्धारण और सुरक्षा बलों की तैनाती के संबंध में इन अधिकारियों से विचार-विमर्श किया गया. सभी जिले के अधिकारियों ने नगरीय निकायों के चुनाव दो चरणों में कराने के सुझाव दिए. पंचायत चुनाव की तैयारियों की चर्चा के दौरान नक्सल प्रभावित जिलों के अधिकारियों ने तीन चरणों में मतदान कराने के सुझाव दिए.

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