छत्तीसगढ़

कुष्ठ रोगी के शव को झोपड़ी सहित जलाया

जांजगीर-चांपा | समाचार डेस्क: छत्तीसगढ़ के जांजगीर में कुष्ठ रोगी के शव को झोपड़ी सहित जला दिया गया. जांजगीर-चांपा के भैसामुहान गांव के 80 वर्षीय ठंडाराम चौहान पिछले 35 सालों से कुष्ठ रोग से पीड़ित था. गत पांच सालों से उसकी हालत और बिगड़ गई थी. उसका शरीर घावों से भर गया था. उसकी मौत के पश्चात् परिजनों ने उसके शव को झोपड़ी में ही जला दिया तथा झोपड़ी में आग लगा दी. पुलिस ने मौके से अवशेष जब्त कर जांच शुरु कर दी है.

प्राप्त जानकारी के अनुसार ठंडाराम चौहान के शरीर के घावों को देखते हुये उसके परिजन ने उसे गांव के बाहर एक झोपड़ी में अलग रहने की व्यवस्था कर दी थी. वहीं पर उसका भोजन पहुंचा दिया जाता था. मंगलवार को जब उनका लड़का संतोष चौहान भोजन लेकर पहुंचा तो अपने पिता को मृत पाया.

उसके बाद परिजनों ने शव का अंतिम संस्कार झोपड़ी में ही कर दी तथा झोपड़ी में आग लगा दी.

छत्तीसगढ़ में कुष्ठ रोग-
उल्लेखनीय है कि देशभर में छत्तीसगढ़ में सबसे ज्यादा कुष्ठ रोगी पाये जाते हैं. छत्तीसगढ़ में प्रति 10,000 में कुष्ठ रोगियों की संख्या 2-5 है जबकि देश के अन्य 34 राज्यों में यह 1 से भी कम है. राष्ट्रीय कुष्ठ निवारण कार्यक्रम के आकड़ों के अनुसार छत्तीसगढ़ में मार्च 2014 में 8847 कुष्ठ रोगी की संख्या दर्ज की गई. छत्तीसगढ़ के कुष्ठ रोगियों में अनुसूचित जाति के रोगी 16.41 फीसदी तथा अनुसूचित जनजाति के रोगी 22.53 फीसदी हैं.

छत्तीसगढ़ में देशभर में कुष्ठ रोग के कारण होने वाली विकलांगता भी छत्तीसगढ़ में सबसे ज्यादा है. साल 2014-15 की सरकारी रिपोर्ट के अनुसार छत्तीसगढ़ में 694 नये विकलांग कुष्ठ रोगी हैं अर्थात् छत्तीसगढ़ में प्रति 10 लाख नागरिकों में 25.04 कुष्ठ रोग के कारण नये विकलांग हैं. देश के ज्यादातर राज्यों में इसकी संख्या 10 से कम है केवल दिल्ली में यह संख्या 20 है.

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