बस्तर

जगदलपुर में नसबंदी से 7 बीमार

जगदलपुर | एजेंसी: छत्तीसगढ़ के जगदलपुर में भी नसबंदी के बाद 7 महिलाओं के तबीयत बिगढ़ने की खबर है. छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में नसबंदी के बाद 12 महिलाओं की मौत को लेकर जहां एक तरफ बुधवार को कांग्रेस पार्टी के आह्वान पर प्रदेश बंद है, वही दूसरी तरफ जगदलपुर में भी एक नसबंदी शिविर में ऑपरेशन के बाद सात महिलाओं की तबियत बिगड़ने की खबर है. सूत्रों ने बताया है कि मंगलवार दोपहर मेडिकल कॉलेज जगदलपुर में नसबंदी के बाद यहां सात महिलाओं को पेट दर्द और अन्य शिकायतों के बाद से विशेष निगरानी में रखा गया है.

सूत्रों ने कहा है कि तीन महिलाओं की हालत गंभीर है.

जबकि सीएमएचओ देवेंद्र नाग ने कहा कि शिविर में किसी भी महिला की तबियत नहीं बिगड़ी है. उन्होंने बताया कि ऑपरेशन से पहले और उसके बाद हर प्रकार की सावधानी बरती जा रही है.

सूत्रों के अनुसार, एक निजी कंपनी के सहयोग से मेडिकल कॉलेज जगदलपुर में चलाए जा रहे एलटीटी शिविर में मंगलवार को कुछ महिलाओं की अचानक तबीयत बिगड़ गई.

सूत्र के अनुसार, ऑपरेशन के बाद इन महिलाओं का रक्त स्त्राव बंद ही नहीं हो रहा था. आनन-फानन में चिकित्सकों ने इनका दोबारा चेकअप किया और स्थिति को किसी तरह संभाला गया.

सूत्र ने बताया कि बकावंड ब्लॉक के इरिकपाल निवासी तीन महिलाओं सहित सात की तबियत ऑपरेशन के बाद बिगड़ गई. शीलू पति हेमंत सिंह को पेट में अचानक दर्द होने लगा तो पालो पति रामप्रसाद बघेल और धनमति पति सुकन कुमार ने पेट में जलन की शिकायत की.

इसी तरह चार अन्य महिलाओं ने भी बेचैनी की शिकायत चिकित्सकों से की. इसके बाद सभी सातों महिलाओं को विशेष निगरानी में तत्काल आपातकालीन विभाग में भर्ती कर दिया गया.

इस मुद्दे पर शिविर में मौजूद चिकित्सक और स्टॉफ मीडिया से बचते रहे. महिलाओं को विशेष निगरानी में रखे जाने के संबंध में चिकित्सकों ने सिर्फ इतना कहा कि एहतियातन महिलाओं को आपातकालीन कक्ष में रखा गया है. वे पूरी तरह सुरक्षित और स्वस्थ हैं.

जबकि आपात कक्ष में भर्ती महिला, पालो ने बताया कि उसे ऑपरेशन के लिए दोपहर बाद ओटी ले गए थे. शाम को अचानक पेट में जलन होने लगी तो इसकी जानकारी अपनी सास और स्वास्थ्य कार्यकर्ता को दी. इसके बाद उसे दूसरे इंजेक्शन व ग्लूकोज दिए गए.

लेकिन इस मामले में शासन या अस्पताल प्रबंधन की तरफ से कोई आधिकारिक स्पष्टीकरण अब तक नहीं आया है.

बिलासपुर में नसबंदी शिविर में महिलाओं की मौत के बाद अब मेडिकल कॉलेज जगदलपुर में चल रहे शिविर को भी स्थगित किया जा सकता है.

स्वास्थ्य विभाग के सूत्रों के मुताबिक प्रदेश में जैसे ही मौतों का मामला सामने आया उसके बाद लोग ऑपरेशन करवाने से हिचकिचा रहे हैं. वहीं स्वास्थ्य विभाग तथा जिला प्रशासन कोई जोखिम उठाने को तैयार नहीं है.

पूर्वनिधारित कार्यक्रम के अनुसार मेकाज का शिविर 20 नवंबर तक चलना था. हालांकि शिविर स्थगित होगा या नहीं, इस संबंध में अभी कोई अधिकारिक जानकारी सामने नहीं आई है.

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