छत्तीसगढ़

छत्तीसगढ़: IIIT भवन का लोकार्पण

रायपुर | संवाददाता: छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में केन्द्रीय बिजली, कोयला और ऊर्जा राज्य मंत्री पीयूष गोयल ने आईआईआईटी भवन का लोकार्पण किया. उल्लेखनीय है कि पीयूष गोयल मंगलवार को रायपुर प्रवास पर हैं. आईआईआईटी भवन के लोकार्पण समारोह की अध्यक्षता मुख्यमंत्री रमन सिंह ने की. इस मौके पर छत्तीसगढ़ के उच्च एवं तकनीकी शिक्षा मंत्री प्रेमप्रकाश पांडेय विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित थे.

मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने अध्यक्षीय उद्बोधन में ट्रिपल-आईटी के लोकार्पण को छत्तीसगढ़ और पूरे देश के लिए गौरवशाली दिन बताया. उन्होंने इस मौके पर संस्थान का नामकरण स्वतंत्र भारत के प्रथम उद्योग मंत्री डॉ. श्यामप्रसाद मुखर्जी के नाम पर करने की घोषणा की. मुख्यमंत्री ने कहा कि मंगलवार को डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी की पुण्य तिथि भी है. उन्होंने देश के प्रथम उद्योग मंत्री के रूप में हमेशा हिन्दुस्तान में नई प्रौद्योगिकी को लाने का प्रयास किया.

उल्लेखनीय है कि राज्य सरकार द्वारा केन्द्रीय सार्वजनिक उपक्रम एन.टी.पी.सी. के सहयोग से अंतर्राष्ट्रीय सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान स्थापित किया गया है. प्रथम चरण में यह संस्थान परिसर 25 एकड़ क्षेत्र में लगभग 200 करोड़ रूपए की लागत से विकसित हुआ है. दूसरे चरण में 25 एकड़ अतिरिक्त रकबे में इस संस्थान का विस्तार किया जाएगा. संस्थान में चालू शिक्षा सत्र में 10 अगस्त से पढ़ाई शुरू हो जाएगी. केन्द्रीय ऊर्जा राज्य मंत्री पीयूष गोयल और मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह सहित सभी अतिथियों ने संस्थान के लेक्चर हॉल, ई-लाइब्रेरी, कम्प्यूटर लैब में पहुंचकर वहां उपलब्ध सुविधाओं का अवलोकन किया.

ऊर्जा राज्य मंत्री पीयूष गोयल ने अपने उद्बोधन में अंतर्राष्ट्रीय सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान परिसर की प्रशंसा करते हुए कहा कि इस परिसर को भारत के अन्य ट्रिपल आईटी संस्थानों से सबसे सुंदर कहा जाए तो कोई गलत नहीं है. गोयल ने उम्मीद जताई कि इस खूबसूरत संस्थान में पढ़ने वाले छात्र-छात्राएं आगे चलकर छत्तीसगढ़ और देश का नाम रोशन करेंगे. उन्होंने संस्थान भवन की डिजाइन को यूरोपियन वास्तुशिल्प के साथ-साथ वेलूरमठ से मिलता-जुलता बताया. पीयूष गोयल ने कहा कि वेलूरमठ में स्वामी विवेकानंद ने शिक्षा पायी थी और छत्तीसगढ़ से भी उनका बाल्यकाल का जुड़ाव था. इस दृष्टि से यहां वेलूरमठ की शैली में बने इस संस्थान में पढ़ने वाले विद्यार्थियों को स्वामी विवेकानंद के जीवन दर्शन से भी प्रेरणा मिलेगी.

पीयूष गोयल ने संस्थान में दो साल के भीतर नवाचार प्रयोगशाला स्थापित करने की घोषणा करते हुए कहा कि संस्थान को ऊर्जा, खनिज और अधोसंरचना विकास के क्षेत्र में नई तकनीक इजाद करने के लिए वैज्ञानिक अनुसंधान केन्द्र के रूप में विकसित किया जाएगा. कोयले से बिजली बनाने की प्रक्रिया में होने वाले प्रदूषण को रोकने तथा बिजली उत्पादन की लागत कम करने के लिए यहां नई तकनीक विकसित होनी चाहिए. पीयूष गोयल ने कहा कि ऊर्जा और खनिज विकास में इस अनुसंधान केन्द्र का फायदा मिलेगा.

ऊर्जा राज्य मंत्री ने ऊर्जा का महत्व बताते हुए कहा कि आज परम्परागत ऊर्जा स्रोतों के विकास के साथ-साथ गैर परम्परागत ऊर्जा को भी प्रोत्साहित करने की जरूरत है. कोयला छत्तीसगढ़ का प्रमुख खनिज संसाधन है. छत्तीसगढ़ को अगले कुछ वर्षों में कोयले की रायल्टी के रूप में एक लाख 10 हजार 990 करोड़ रूपए मिलेंगे. यह राशि छत्तीसगढ़ के बस्तर सहित अन्य पिछड़े क्षेत्रों के विकास के लिए सहायक होगी. पीयूष गोयल ने कहा कि छत्तीसगढ़ को विकसित राज्य बनाने में केन्द्र सरकार का हर संभव सहयोग मिलेगा. केन्द्र और राज्य सरकार की कोशिश है कि इस राज्य के हर घर में बिजली पहुंचे और हर जरूरतमंद व्यक्ति को रोजगार मिले. पीयूष गोयल ने राष्ट्रीय ताप विद्युत निगम की कार्पोरेट सामाजिक जिम्मेदारी मद की 100 करोड़ रूपए राशि से राज्य में एक नया मेडिकल कॉलेज खोलने, 20 करोड़ रूपए की लागत से सीपत के इंजीनियरिंग कॉलेज का उन्नयन करने तथा 20 करोड़ रूपए की लागत से कोरबा में ट्रामा सेंटर स्थापित करने की भी घोषणा की.

error: Content is protected !!