छत्तीसगढ़

IAS अलेक्स के Facebook पोस्ट की जांच

रायपुर | संवाददाता: आईएएस अलेक्स पॉल मेनन के फेसबुक पोस्ट की पड़ताल शुरु हो गई है. सामान्य प्रशासन विभाग की सचिव निधि छिब्बर ने इसकी पुष्टि की है. उल्लेखनीय है कि उन्होंने अपने फेसबुक पोस्ट में दावा किया था कि 94% फांसी दलित-मुस्लिमों को दी जाती है. सोशल मीडिया पर अपने इस पोस्ट के साथ ही उन्होंने सवाल किया था कि भारत की न्यायिक व्यवस्था पक्षपातपूर्ण है.

94% फांसी दलित-मुस्लिमों को- IAS मेनन

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार अलेक्स पॉल मेनन के पेसबुक पोस्ट से संबंधित खबरें तथा सामग्री को सामान्य प्रसासन विभाग ने मुख्य सचिव कार्यालय को भेजा है.

मुख्य सचिव विवेक ढ़ाड इसका परीक्षण कर मुख्यमंत्री रमन सिंह को अपनी रिपोर्ट देंगे. बताया जा रहा है कि यदि मुख्यमंत्री ने सहमति जताई तो आईएएस अलेक्स पॉल मेनन के खिलाफ़ अनुशासनात्मक कार्यवाही भी हो सकती है.

अलेक्स पॉल मेनन समेत तीन अदालत की अवमानना के दोषी

वहीं, पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी भी एलेक्स के बयान पर जमकर बरसे. जोगी ने कहा कि यह रमन राज है, यहां सबकुछ चलता है.

जोगी ने पत्रकारों से चर्चा में कहा कि आईएएस अधिकारियों के लिए आईएएस मैनुअल में गाइड लाइन होती है, जिसका सभी अधिकारियों को पालन करना चाहिये.

गौरतलब है कि इससे पहले अगस्त 2013 में छत्तीसगढ़ शासन ने बलरामपुर के कलेक्टर रहते अलेक्स पॉल को चेतावनी जारी की थी.

छत्तीसगढ़: अलेक्स पॉल को चेतावनी

बलरामपुर के कलेक्टर रहे अलेक्स पॉल ने पंचायत विभाग के पैसों से रंगीन मतदाता पत्र बनवा दिया था जबकि पंचायत विभाग के प्रावधानों के अनुसार इन पैसों को केवल पंचायतों की मूलभूत सुविधाओं पर खर्च किया जाना था.

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