छत्तीसगढ़बस्तर

मड़कम हिड़मे: पोस्टमार्टम का आदेश

बिलासपुर | संवाददाता: छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट ने मड़कम हिड़मे की लाश का पोस्टमार्टम करने का आदेश दिया है. मंगलवार को छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने सुरक्षा बलों द्वारा मारे गये कथित हार्डकोर नक्सली मड़कम हिड़मे की लाश का पोस्टमार्टम फोरेंसिक टीम, डॉक्टरों की टीम, परिवार के सदस्य तथा उनके वकील के सामने करने के आदेश दिये हैं.

छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने पोस्टमार्टम की रिपोर्ट सोमवार तक हाई कोर्ट में पेश करने का आदेश दिया है.

इससे पहले सोमवार को छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में हिड़मे कांड पर जनहित याचिका की पहली सुनवाई हुई. सोनी सोरी के साथ मड़कम हिड़मे की माता और पिता अन्य परिजनों के साथ अदालत में उपस्थित हुये. चीफ जस्टिस अनिल गुप्ता और जस्टिस संजय अग्रवाल की डबल बेंच ने माता-पिता को शपथ पत्र भरवाकर मंगलवार 21 जून को दूसरी सुनवाई की तारीख तय की थी.

उल्लेखनीय है कि इसी माह सुकमा ज़िले की पुलिस ने दावा किया था कि माओवादियों के साथ हुई मुठभेड़ में मड़कम हिड़मे नामक कथित हार्डकोर महिला माओवादी मारी गई है. इस ख़बर के साथ पुलिस ने कथित माओवादी मड़कम हिड़मे की जो तस्वीर जारी की, उसे लेकर विवाद शुरु हो गया.

बस्तर में लगभग दो दशकों तक काम कर चुके सामाजिक कार्यकर्ता हिमांशु कुमार ने गांव वालों के हवाले से दावा किया कि गांव में धान कूट रही मड़कम को सुरक्षाबल के जवान घर से उठा कर ले गये और बलात्कार करने के बाद उसकी हत्या कर दी.

हिमांशु कुमार ने कहा, “मड़कम हिड़मे गांव की एक सीधी-साधी लड़की थी और जल्दी ही उसकी शादी होने वाली थी. लेकिन पुलिस उसे उठा कर ले गई. मड़कम को 20 गोली मारी गई और उसके बाद उसे एक नई वर्दी पहना दी गई. वर्दी पर एक भी गोली के निशान नहीं हैं.”

मड़कम हिड़मे के माओवादी न होने का दावा करने वालों का तर्क है कि उसे जो वर्दी पहनाई गई है वह नई है तथा उसके क्रीज तक खराब नहीं हुये हैं. यह कैसे संभव है कि पुलिस के साथ संघर्ष के बाद भी उसके वर्दी के क्रीज न खराब हुये हों.

फोटो में दिख रहा है कि कथित माओवादी मड़कम हिड़में वर्दी तो एकदम नई पहनी हुई है परन्तु उसके पैर में जूते के स्थान पर चप्पल है.

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