छत्तीसगढ़

बलात्कार पर शासन से जवाब मांगा गया

बिलासपुर | संवाददाता: एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय ने छत्तीसगढ़ शासन को निर्देश दिया है कि अतिरिक्त जवाब प्रस्तुत करे. गौर तलब है कि दायर याचिका में कहा गया है कि बलात्कार के मामलों में सर्वोच्य न्यायालय के दिशा-निर्देशो का राज्य के न्यायालयों में पालन नही किया जा रहा है.

सुप्रीम कोर्ट के दिशा-निर्दोशों के अनुसार बलात्कार के मामलों की जांच महिला अधिकारी से कराने को कहा गया है. इसके साथ ही न्यायालयों में महिला जज द्वारा प्रकरण की सुनवाई करने, मात्र दो माह में सुनवाई पूरी करने तथा 90 दिनों में जांच पूरी करने को कहा गया है. इस संबंध में महिला समाजसेवी संगठन ने छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय में जनहित याचिका दायर की है कि इन दिशा-निर्देशों का पालन छत्तीसगढ़ में नही किया जा रहा है.

इस जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए चीफ जस्टिस यतीन्द्र सिंह और जस्टिस सुनील कुमार सिन्हा की युगलपीठ ने राज्य शासन, हाईकोर्ट एवं स्टेट बार कौंसिल को नोटिस जारी किया गया था. कोर्ट की नोटिस पर राज्य शासन, हाईकोर्ट और बार कौंसिल द्वारा जवाब प्रस्तुत किया गया था. शासन की ओर से प्रस्तुत जवाब को अस्पष्ट व अधूरा बताते हुए याचिकाकर्ता की ओर से आपत्ति दर्ज कराई गई. जिस पर छत्तीसगढञ उच्च न्यायालय ने शासन को अतिरिक्त जवाब प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है.

ज्ञात्वय रहे कि नेशनल क्राइम ब्यूरो की ताजा रिपोर्ट में कहा गया है कि छत्तीसगढ़ में बलात्कार के मामले बढ़ें हैं. इस रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2011 में कुल 1053 बलात्कार के मामले आये है. जिसमें से सर्वाधिक 14 से 18 आयु वर्ष के 344 मामले है.

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