बिलासपुर

मछली पालन से संवर गई जिंदगी

जांजगीर | संवाददाता: छत्तीसगढ़ के अकलतरा के ग्राम परसदा निवासी कृष्ण कुमार वर्मा ने परंपरागत खेती के साथ मछली पालन का व्यवसाय अपनाया है, जिससे उसकी जिंदगी संवर गई है. कृष्ण कुमार वर्मा ने मात्र आधे हेक्टेयर कृषि भूमि में तालाब बनाकर मछली पालन का कार्य सन् 2011 में प्रारंभ किया था. अब उसे परम्परागत धान की खेती की तुलना में मछली उत्पादन से अधिक आय प्राप्त हो रही है.

छत्तीसगढ़ के अकलतरा के ग्राम परसदा निवासी कृष्ण कुमार वर्मा ने बताया कि धान की खेती में वर्ष भर मेहनत करने से 50 से 60 हजार तक की आमदनी होती थी. मछली पालन से तीन माह में ही 75 हजार की आमदनी हो रही है. मछली पालन का व्यवसाय वर्ष में तीन बार किया जा सकता है.

उन्होंने बताया कि प्रथत उत्पाद में ही उसने 25 लाख स्टेण्डर्ड फ्राई का उत्पादन किया. जिसे उसने एक लाख रूपए में बेच दिया. इस उत्पादन के लिए उसे मात्र 25 हजार रूपए खर्च हुए थे. लागत को घटाकर उसे 75 हजार रूपए की आमदनी हुई है. उन्होंने बताया कि इस आमदनी से वह मछली व्यवसाय के लिए अन्य जरूरी सामान खरीद लिया है.

अब वह इस व्यवसाय को बढ़ाने के लिए 50 लाख स्टेण्डर्ड फ्राई उत्पादन का लक्ष रख कर कार्य कर रहा है. कृष्ण कुमार वर्मा ने बताया कि व्यवसाय बढ़ाने के लिए छत्तीसगढ़ मत्स्य विभाग विभाग का निरंतर मार्गदर्शन मिल रहा है. यह व्यवसाय प्रारंभ करने के लिए छत्तीसगढ़ मत्स्य विभाग द्वारा आधे हेक्टेयर भूमि में तालाब बनाने में मदद मिली थी.

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