रायपुर

रेल बजट में छत्तीसगढ़ छला गया

रायपुर | समाचार डेस्क: छत्तीसगढ़ कांग्रेस तथा माकपा ने रेल बजट को छत्तीसगढ़ के लिये एक छलावा करार दिया है. छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता राजेश बिस्सा ने कहा कि केंद्र की भाजपा सरकार ने रेल बजट के नाम पर मात्र रेल विभाग के पूर्व नियोजित कार्यो की विवरणिका पेश कर दी है. उन्होंने कहा कि पूरे वर्षभर रेल सुविधाओं में कटौती व वर्ष में आठ बार टिकट दरों में वृद्धि की मार झेल चुकी जनता को बड़ी आशा थी कि रेल बजट में मोदी सरकार का कोई नया दृष्टिकोण दिखेगा, लेकिन इस बजट ने जनता की आशाओं पर पानी फेर दिया है.

बिस्सा ने कहा कि बजट में न रोजगार के अवसर बढ़ाने की कोई पहल दिखाई दी और न ही बहुप्रतीक्षित रेल योजनाओं के क्रियान्वयन को तेजी से पूरा करने की दिशा में ठोस कदम उठाया गया है.

कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि इस रेल बजट में छत्तीसगढ़ बुरी तरह छला गया है. जिस प्रदेश के 11 में से 10 सांसद भाजपा के हैं, वहां के सांसदों की अनुशंसाओं को ताक पर रख दिया गया है. छत्तीसगढ़ से एक मात्र केंद्रीय मंत्री जो विगत वर्ष से बार-बार अपनी एक ही मांग रखते आ रहे हैं, प्रभु ने उसे भी नजरअंदाज कर दिया.

बिस्सा ने कहा कि जिस तरह का रेल बजट आया है, उससे छत्तीसगढ़ की प्रगति का मार्ग ही अवरुद्ध हुआ है. छत्तीसगढ़ के शहरों को रेलमार्ग से जोड़ने संबंधी मांगों के संदर्भ में ही सरकार कुछ सोच लेती तो यहां की जनता आंशिक राहत महसूस करती.

बिस्सा ने कहा कि रेलमंत्री छत्तीसगढ़ की धमनियों को आपस में जोड़ने की दिशा में कदम उठाते हुए निर्णय लेकर डोंगरगढ़ से रायगढ़ के बीच हर घंटे लोकल ट्रेन, डोंगरगढ़ से रायगढ़ और कोरबा तक इंटरसिटी या फास्ट लोकल, राजनांदगांव से कोरबा तक फास्ट लोकल ट्रेन, कॉलेज छात्रों के लिए राजनांदगांव से बिलासपुर तक स्पेशल ट्रेन, रायपुर-धमतरी और कोंडागांव के लिए ट्रेन चलाए जाने का निर्णय लेती, नर्मदा एक्सप्रेस का राजनांदगांव तक विस्तार करती साथ ही महासमुंद से तुमगांव, पटेवा, झलप, पिथौरा, बसना और सरायपाली होते हुए ओड़िशा राज्य के बरगढ़ और संबलपुर तक रेल लाइन बिछाई जाने का प्रावधान करती तो छग के विकास व व्यवस्थित विस्तार को एक अलग दिशा मिलती.

बिस्सा ने कहा कि पूरे देश के साथ विशेष रूप से यह छत्तीसगढ़ के लिए बेहद निराशाजनक बजट है.

माकपा का बयान
वहीं छत्तीसगढ़ बयान माकपा के राज्य सचिव संजय पराते ने कहा है कि रेलवे के विस्तार में छत्तीसगढ़ को कोई जगह ही नहीं मिली है और इससे आम जनता की आशा-आकांक्षाओं पर तुषारापात ही हुआ है. प्रदेश में बरसों से लंबित रेल परियोजनाएं अब भी क्रियान्वयन की बाट जोह रही है. उन्होंने कहा कि रेल मंत्री ने रेल सुविधाओं में विस्तार के जो वादे किये हैं, ऐसे ही वादे उन्होंने पिछले वर्ष भी किये थे, लेकिन उन वादों का हश्र जनता जानती है. उन्होंने आम जनता पर किश्तों में माल और यात्री भाड़ा बढ़ाकर बोझ डालने का ही काम किया है. इस कारण बजट में भाड़ा न बढाने का श्रेय भी उन्हें नहीं जाता.

माकपा ने कहा है कि पिछले बजट प्रस्तावों का 8700 करोड़ रुपयों से ज्यादा का खर्च न हो पाना सरकार की विफलता को ही दर्शाता है, क्योंकि रेलवे में बुनियादी सुविधाओं का विस्तार करने की कीमत पर ही ये पैसे बचाए गए हैं. पार्टी ने कहा है कि रेलवे के राजस्व में 17000 करोड़ रूपये की गिरावट आने तथा सांतवे वेतन आयोग के लिए 32000 करोड़ रूपये जुटाने के चलते इस वित्तीय वर्ष की शुरूआत ही 50000 करोड़ रूपये की तंगी से होने जा रही है, जिससे आने वाले दिनों में आज किये गए वादे, केवल वादे ही रहने जा रहे हैं.

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