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छत्तीसगढ़: आचार संहिता आंशिक रूप से हटी

रायपुर | एजेंसी: छत्तीसगढ़ में अब नए टेंडर व लंबित प्रशासनिक कामकाज हो सकेंगे. केंद्रीय निर्वाचन आयोग ने आदर्श आचार संहिता को शिथिल करते हुए यह छूट दी है. सरकार किसानों को धान का बोनस भी दे सकती है. हालांकि चुनाव कार्य में लगे अधिकारी-कर्मचारियों के तबादले और विभागीय समीक्षा बैठकों पर चुनाव आचार संहिता खत्म होते तक पाबंदी रहेगी.

छत्तीसगढ़ के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी सुनील कुजूर का कहना है कि आयोग द्वारा आचार संहिता को शिथिल किया गया है. अब नए टेंडर जारी किए जा सकेंगे. साथ ही किसानों को धान का बोनस भी दिया जा सकता है. केवल चुनाव कार्य में लगे अधिकारियों-कर्मचारियों के तबादलों पर फिलहाल रोक रहेगी.

निर्वाचन आयोग से जुड़े सूत्रों के मुताबिक, शासन के विभिन्न विभागों द्वारा निर्माण कार्यो सहित सामग्री खरीदी व अन्य टेंडर जारी किए जा सकते हैं. मुख्य निर्वाचन अधिकारी कार्यालय ने राज्य शासन को इस संबंध में पत्र भी जारी कर दिया है.

राज्य में सभी संसदीय क्षेत्रों में मतदान हो चुका है. मतगणना 16 मई को होनी है और इसके बाद ही आचार संहिता खत्म होगी.

आयोग ने कहा है कि चुनाव कार्य में लगे अधिकारी-कर्मचारियों को छोड़कर अन्य के तबादले व पदोन्नति पर कोई रोक नहीं है. चुनाव आचार संहिता के कारण विभिन्न विभागों में नए टेंडर नहीं हो पा रहे थे. साथ ही टेंडरों को भी खोलने की मनाही थी. आचार संहिता को शिथिल किए जाने के बाद नए टेंडर और निर्माण कार्यो पर लगी रोक हट जाएगी.

चालू वित्तवर्ष के बजट में किए गए प्रावधानों व नई योजनाओं का भी क्रियान्वयन नहीं हो पा रहा था. विशेष कर राज्य सरकार ने किसानों को विपणन वर्ष 2013-14 में समर्थन मूल्य पर खरीदे गए धान पर प्रति क्विंटल 300 रुपये बोनस देने का निर्णय लिया है. इसके लिए चालू वित्तवर्ष के बजट में दो हजार करोड़ रुपये से अधिक राशि का भी प्रावधान किया जा चुका है.

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