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छत्तीसगढ़: ब्रेड-पिज्जा की बिक्री घटी

रायपुर | संवाददाता: छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में ब्रेड-पिज्जा की बिक्री करीब आधी रह गई है. लोग अब ब्रेड खाने से कतरा रहें हैं. गौरतलब है कि सीएसई द्वारा मंगलवार को खुलासा किया गया था कि ब्रेड में हानिकारक पोटैशियम ब्रोमेट और पोटैशियम आयोडेट का इस्तेमाल किया जा रहा है. जिससे कैंसर होने का खतरा है.

इसके बाद से ही ब्रेड, पिज्जा, पाव-भाजी की बिक्री गिर गई है. भला कौन अपने बच्चों को सुबह के नास्ते में कैंसरजनक खाद्य पदार्थ परोसना पसंद करेगा.

जिन रिटेलरों के यहां से ब्रेड, पिज्जा बेस, पाव तथा अन्य बेकरी उत्पाद बिका करते थे उऩके ग्राहकों की संख्या आधी रह गई है. वहीं नाम न बताने की शर्त पर सूत्रों ने कहा कि ऑनलाइन बिकने वाली पिज्जा तथा बर्गर की बिक्री भी घट गई है. लोग अब इनके ऑर्डर करने के बजाये दूसरी चीजे लेना पसंद कर रहें हैं.

छत्तीसगढ़ की न्यायधानी बिलासपुर तथा अन्य शहरों में भी बेकरी के बने ब्रेड तथा उससे बनने वाले खाद्य पदार्थो की बिक्री घट गई है. हालांकि बुधवार को ही देश के बड़े ब्रेड निर्माताओँ ने बयान जारी करके बताया था कि वे ब्रेड बनाने में इन हानिकारक पदार्थो का उपयोग अब नहीं करेंगे.

उल्लेखनीय है कि सीएसई द्वारा मैगी नूडल्स में शीसे की मात्रा तय सीमा से 17 गुना अधिक बताये जाने के बाद भी उसे सरकार द्वारा बैन करने से पहले ही उसके खरीददार कम हो गये थे.

उधर दिल्ली से सटे नोएडा में सेक्टर- 12 स्थित बेकरी शॉप के मालिक सोनू रावत ने बताया कि ब्रेड की बिक्री 30 फीसदी तक कम हो गई है. लोग सभी ब्रांड का ब्रेड लेने से परहेज कर रहे हैं. यहां तक की बर्गर बनाने में इस्तेमाल होने वाला बन भी लोग नहीं खरीद रहे हैं.

सेक्टर- 18 स्थित बेकरी शॉप के मैनेजर अरविंद सोनी ने बताया कि जब से रिपोर्ट सार्वजनिक हुई है, तब से अभी तक ब्रेड का पुराना स्टॉक भी खत्म नहीं हुआ. इस कारण अब लग रहा है कि लोगों को डिस्काउंट देकर ब्रेड का स्टॉक बेचना पड़ेगा.

ब्रेड सप्लायर विनोद पांडे ने बताया कि जिले में मोटे तौर पर चार सप्लायर हैं. गर्मी में हर रोज करीब 18,000 पैकेट ब्रेड की सप्लाई होती है, लेकिन इस दौरान सप्लाई 30 फीसदी तक कम हो गई है. कई दुकानदार फिलहाल ब्रेड का स्टॉक लाने से मना कर रहे हैं.

दिल्ली में भी ब्रेड से बनने वाले अन्य खाद्य पदार्थों को लेकर भी लोगों के मन में असमंजस में हैं. विकास मार्ग स्थित वीर सावरकर ब्लाक के विक्रेता जतिन गुप्ता ने बताया कि जानकारी मिलने के बाद लोग ब्रेड की खरीद को लेकर हिचक रहे हैं.

उन्होंने स्वीकार किया कि अन्य दिनों के मुकाबले मंगलवार को कम ब्रेड बिकी. विकास मार्ग के बी ब्लाक स्थित जनरल कन्फेक्शनरी स्टोर के विक्रेता श्यामसुंदर के मुताबिक उमस और गर्मी के साथ बरसात भी हो रही है.

ऐसे में ब्रेड जैसे उत्पादों को ज्यादा दिनों तक संभालना मुश्किल होता है. उन्होंने बताया कि इस्तेमाल के लिए निर्धारित की गई अवधि भी बेहद कम होती है, ऐसे में बिक्री आधी होने के कारण नुकसान से बचना मुमकिन नहीं.

मुंबई में भी इसका असर शेयर बाजार में देखने को मिला. बंबई स्टॉक एक्सचेंज में डोमिनोज पिज्जा ब्रांड का संचालन करने वाली जुबिलैंट फूडवर्क्‍स के शेयर 4.45 फीसदी गिरावट के साथ 1,063.00 रुपए पर बंद हुये. ब्रिटेनिया इंडस्ट्रीज के शेयर 1.06 फीसदी गिरावट के साथ 2,652.55 रुपए पर बंद हुये.

एसोचैम ने भी माना है कि सीएसई के खुलासे का असर ब्रेड की बिक्री पर पड़ा है.

आज के जमाने में लोग महंगाई होते हुये भी घर से बाहर 18 रुपये में पानी की बोतल खरीदकर पीते हैं बजाये रेलवे के नल या होटल का पानी पीने के तब इस बात का अंदाज लगाया जा सकता है कि स्वास्थ्य के प्रति जनमानस में चेतना बढ़ी है.

जाहिर है जब तक छत्तीसगढ़ के स्थानीय ब्रेड निर्माता लोगों को विश्वास नहीं दिला देते कि वे भी हानिकारक तत्वों का इस्तेमाल नहीं कर रहें हैं ब्रेड, पिज्जा, बर्गर, पाव-भाजी की बिक्री बढ़ना मुश्किल जान पड़ती है.

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